उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने ने डॉ. कफील खान को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया। कफील खान को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया था। उनके ऊपर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 12 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़काऊ बयान देने का आरोप है। गौरतलब है कि कफील खान को 2017 में बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में सस्पेंड कर दिया गया था।
खान के ऊपर आईपीसी की धारा 153-ए के तहत सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया था कि छात्रों को संबोधित करने के दौरान खान ने बिना नाम लिए कहा कि ‘मोटाभाई’ सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं लेकिन इंसान बनना नहीं। उन्होंने आगे कहा कि जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया। खान ने कहा कि CAA मुस्लिमों को सेकंड क्लास सिटिजन बनाता है और एनआरसी लागू होने के साथ ही लोगों को परेशान किया जाएगा।
खान ने आगे कहा था, ‘यह लड़ाई हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस के स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि दाढ़ी रखने वाले लोग आतंकवादी होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि CAA लाकर सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत एक देश नहीं है। एफआईआर में कहा गया कि खान ने शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने की कोशिश की।