कोलकाता में महिला डॉक्टर्स से रेप और उसकी हत्या के विरोध में जारी जूनियर डॉक्टर्स की भूख हड़ताल सत्रहवें दिन समाप्त हो गई। डॉक्टरों ने हेल्थ स्ट्राइक भी वापस ले ली है।
आंदोलन कर रहे डॉक्टरों के पैनल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सोमवार शाम सचिवालय में करीब 2 घंटे चर्चा हुई। जिस पर जूनियर डॉक्टर देबाशीष हलदर नेबताया कि सीएम ममता के साथ बैठक में उन्हें कुछ निर्देशों का आश्वासन मिला है। जबकि राज्य सरकार के हाव-भाव को नाकारात्मक बताते हुए उनका कहना था कि इस अनशन में आम लोगों ने पूरे दिल से समर्थन दिया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 20 अक्टूबर को अनशन खत्म करने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि डॉक्टरों की अधिकतर मांगें पूरी कर दी गई हैं। विरोध के अधिकार की बात स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री का कहना था कि इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी विभाग में हर किसी को एक साथ हटाना संभव नहीं हैं। हालाँकि उन्होंने डीएचएस और डीएमई को पहले ही हटा दिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने डाक्टरों से अपील की कि राजनीति से ऊपर उठकर काम पर लौटें।
गौरतलब है कि कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय तथा मेडिकल सुविधाओं में सुधार की मांग कर रहे ये जूनियर डॉक्टर पिछले 17 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। इसमें छह डॉक्टरों को खराब स्वास्थ्य के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि आठ अन्य अनिश्चितकालीन अनशन पर थे। राज्य सरकार से इन डॉक्टरों की मांग थी कि 21 अक्तूबर तक समस्या को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
बताते चलें कि कोलकाता में रेप और मर्डर के खिलाफ इन जूनियर डॉक्टरों ने 10 अगस्त से 21 सितंबर तक 42 दिन तक हड़ताल की। इन डॉक्टरों ने सरकार के सामने पहले 5 मांगें रखी थीं। इनमें से सरकार द्वारा 3 मांगें मान भी ली गईं थीं। साथ ही मुख्यमंत्री ने दो अन्य मांगों और शर्तों पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
इस आश्वासन के बाद डॉक्टर हड़ताल खत्म कर के काम पर लौट आए थे। इस बीच 27 सितंबर को सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया, जिससे नाराज होकर इस डॉक्टरों ने पहली अक्तूबर को फिर से हड़ताल शुरू कर दी।
इस बार भी जूनियर डॉक्टरों ने 4 अक्टूबर को हड़ताल वापस ले ली, जबकि धरना जारी रखा। सरकारी अस्पतालों में मरीज के बड़ी संख्या में परेशानी को देखते हुए इन डॉक्टरों ने काम पर वापसी की और राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देने के बाद अनशन शुरू किया था। जो अब मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद समाप्त हो गया है।