सिडनी। थाईलैंड में एक गुफा में फंसी युवा फुटबॉल टीम को निकालने में मदद करने वाले ऑस्ट्रेलिया के 2 गोताखोरों को राजनयिक छूट दी गई थी कि अगर अभियान के दौरान कुछ भी गलत होता है तो उन पर किसी तरह का अभियोग नहीं चलाया जाएगा। राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता एबीसी ने सोमवार को एक खबर में यह जानकारी दी। थाई नेवी सील और अंतरराष्ट्रीय गोताखोर विशेषज्ञों ने 3 दिन तक चले अत्यंत जोखिम भरे अभियान में ‘ वाइल्ड बोर्स ’ टीम को 18 दिन बाद गुफा से सफलतापूर्वक निकाल लिया।
एनेस्थेटिस्ट रिचर्ड हैरिस और उनके गोताखोर सहयोगी क्रैग चालेन ने बचाव अभियान में अहम भूमिका निभाई। एबीसी ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से बताया कि इन दोनों के बचाव अभियान में भाग लेने से पहले ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड सरकार के बीच उन्हें राजनयिक छूट देने को लेकर बातचीत हुई थी।
इसमें कहा गया था कि अगर इस कठिन अभियान के दौरान कुछ भी गड़बड़ होती है तो इन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने इस खबर की पुष्टि करने से या इसे खारिज करने से इनकार कर दिया। चालेन ने घर लौटने के बाद स्थानीय मीडिया को बताया कि यह अभियान ‘‘ पूरी तरह से भजदगी और मौत ’’ का था और गुफा गोताखोर विशेषज्ञों को यह पता नहीं था कि क्या वह सभी 12 लडक़ों और उनके कोच को सफलतापूर्वक बचाने में कामयाब होंगे।
उन्होंने पर्थ के संडे टाइम्स अखबार से कहा कि यह हमारे लिए खतरनाक नहीं था लेकिन मैं ये बता नहीं सकता कि यह बच्चों के लिए कितना खतरनाक था। गोताखोरों ने बताया कि उन्होंने अपने स्थानीय बच्चों के साथ अभ्यास किया था। गुफा से निकलने के बाद लडक़ों का एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी सेहत ठीक है।