नई दिल्ली। इराक में 39 भारतीयों की मौत के मुद्दे पर सदन को ‘ गुमराह’ करने के लिए कांग्रेस ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का फैसला किया और इस संबंध में एक नोटिस दिया है।
इराक के मोसुल शहर में साल 2014 में इन भारतीयों का अपहरण किया गया था। कांग्रेस सांसद अंबिका सोनी, प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो ने उच्च सदन में सुषमा के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया। इससे पहले उन्होंने इस मुद्दे पर औपचारिकताएं पूरी की और दस्तावेजों का अध्ययन किया।
राज्यसभा में नियम188 के तहत दिए गए नोटिस में संसदीय विशेषाधिकार हनन के मुद्दे पर यह प्रस्ताव लाने का इरादा है।
प्रस्ताव के मुताबिक सुषमा ने अपने सहयोगी विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह के साथ मिलकर सदन के अंदर और बाहर मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के परिजनों को ‘ जानबूझ कर गुमराह’ किया।
उन्होंने सुषमा पर सदन को चार साल तक गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मंत्री ने लगातार न सिर्फ यह तथ्य रखा कि नागरिक जिंदा हैं और सरकार उनकी रिहाई के लिए कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि 18 मार्च, 2018 को मंत्री ने सदन में इस बात की पुष्टि की कि जिन लोगों की बात की जा रही है उनकी हत्या हो चुकी है, अत: यह बिना किसी शक के दर्शाता है कि सरकार ने संसद और राष्ट्र से लगातार झूठ बोला।
प्रस्ताव में कहा गया कि यह संसदीय विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन है और सदस्यों के खिलाफ उनकी घोर लापरवाही और कर्तव्य परायणता में कमी के लिए कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सोनी, बाजवा और दूलो ने सुषमा पर सदन को चार सालों तक गुमराह करने का आरोप लगाया और उन्हें उन स्रोतों का खुलासा करने की चुनौती दी जिनके आधार पर सुषमा ने आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा अपहृत 39 भारतीयों के जीवित होने का दावा किया था।
सोनी ने इससे पहले संवाददाताओं को बताया कि हमारे सूत्र सही साबित हुए और उनके विश्वसनीय सूत्र गलत साबित हुए।