नयी दिल्ली। भारत में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 649 हो गए और अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुजरात, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश से एक-एक शख्स की मौत हुई है। मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए चार्ट में गोवा पहली बार दिखा और वहां संक्रमण के 33 मामले दर्ज किए गए हैं।
मंत्रालय ने सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर अपने ताजा आंकड़ों ने कहा कि देश में अभी तक कोविड-19 से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में तीन लोगों की मौत हुई, गुजरात में दो जबकि मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में विषाणु के सक्रिय मामले 593 हैं जबकि 42 लोग या तो स्वस्थ हो या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और एक व्यक्ति विस्थापित हो गया। मंत्रालय ने बताया कि 649 कुल मामलों में 47 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
लाकडाउन के साथ जन स्वास्थ्य के पर्याप्त कदम उठाते रहने होंगे नहीं तो यह बीमारी फिर पनप सकती है। डब्लूएचओ के शीषर्ष इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन ने बीबीसी को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि कोरोना से फैली बीमारी से निपटने के लिए देश सिर्फ लाकडाउन के भरोसे नहीं रह सकते हैं।
वहीं इस पर रायन ने कहा कि यह बीमारी दोबारा न पनपे इसके लिए जन स्वास्थ्य के सभी उपाय करने होंगे। हमें सबसे पहले कोरोना से बुरी तरह बीमार व संक्रमित हुए लोगों का पता करना है।
इनके संपर्क में कौन-कौन आया उनका भी पता करना होगाा। फिर इन सभी को आइसोलेट कर उनका ठीक से इलाज करना होगा। जंहा यह भी कहा जा रहा है कि खतरा तो लाकडाउन से भी है।
वहीं हम बता दें कि अगर अभी हम बीमार और संक्रमित लोगों का पता कर उनका इलाज शुरू नहीं करते तो लाकडाउन हटने की स्थिति में इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की संख्या एकदम से बढ़ सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना के कारण ताइवान समेत कई देश डब्लूएचओ की आलोचना कर रहे हैं। ताइवान का कहना है कि डब्लूएचओ समय से इस संकट की चेतावनी देने में नाकाम रहा।
ताइवान का कहना है कि उसने वुहान से शुरू हुई इस संक्रामक बीमारी के बारे में डब्लूएचओ और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक (IHR) को 31 दिसंबर को ही सावधान कर दिया है।
मालूम हो कि चीन द्वारा अपना हिस्सा बताये जाने की जिद के कारण ताइवान को डब्लूएचओ ने संगठन से बाहर कर रखा है। जंहा ताइवान के अधिकारियों का आरोप है कि सूचना मिलने के बाद भी डब्लूएचओ ने अन्य देशों को COVID-19 की भयावहता से आगाह नहीं कियाा।
वहीं WHO के प्रमुख टेड्रोस एडहैनम द्वारा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ करने की भी खूब आलोचना की जा रही है। टेड्रोस ने कहा था कि बीमारी से निपटने में जिनपिंग ने बहुत अच्छा काम किया।