नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के नए केस पिछले तकरीबन 22 महीनों में सबसे कम रिकॉर्ड किये गए हैं। कोविड की तीसरी लहर भी देश में इस समय बिलकुल खत्म मानी जा रही है। इस बीच भारत में 24 घंटे के भीतर 3,000 के करीब मामले प्रतिदिन आ रहे हैं। जबकि इसी दौरान हॉन्ग कॉन्ग से हर दिन 34 हज़ार से 55 हजार के करीब कोरोना मामले मिलने की खबर है। ये इलाका भी चीन के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हॉन्ग कॉन्ग में है जहाँ के वहां से दो बरस पहले कोरोना का वेरिएंट सारी दुनिया में महामारी का कारण बना था।
चीन में केस बढ़ने के बाद उसने हॉन्ग कॉन्ग के करीबी दक्षिणी शहर शेनजेन में लॉकडाउन लगा दिया। यहां की आबादी 1.7 करोड़ है। आशंका जताई जा रही है कि बॉर्डर पर सख्त रूल लागू होने के बाद भी पड़ोसी मेनलैंड राज्यों में कोरोना फैलने का खतरा पैदा हो गया है। बीते 24 घंटे में चीन में 3300 से ज्यादा कोविड मामले सामने आए। चीन में चांगचुन के अलावा शांडोंग प्रांत के युचेंग में भी लॉकडाउन लग चुका है। शांडोंग में 175, ग्वांडोंग में 62, शांक्सी में 39, हेबेई में 33, जियांग्सू में 23, तियानजिन में 17 और बीजिंग में 20 कोविड के मरीज मिले हैं।
हॉन्ग कॉन्ग इस समय पांचवीं लहर का सामना कर रहा है। यहाँ स्थिति ऐसी हो चुकी है कि शवों को रखने के लिए जगह कम पड़ रही है। कोविड के चलते होने वाली मौतों के लिए अंतिम संस्कार की जगहें अगले एक महीने तक बुक हैं। हालात का अंदाजा लगाइए कि अस्पताल के वॉर्ड में शवों को सीलबंद कर कुछ समय के लिए वहीं रखना पड़ रहा।
हॉन्ग कॉन्ग में ओमीक्रोन का पहला मामला कोविड के नियमों का उल्लंघन के कारण दो फ्लाइट अटेंडेंट से पहुंचा। रविवार को चीन में एक ही दिन में 3100 से ज्यादा मामले सामने आए। ये दो साल में सबसे ज्यादा है। डॉक्टरों का कहना है कि ओमीक्रोन वेरिएंट के चलते केस बढ़ रहे हैं।
पिछले दो साल में महामारी को काबू में करने में हॉन्ग कॉन्ग काफी सफल रहा था। 75 लाख की आबादी वाले शहर में 2021 के अंत तक केवल 12, 650 केस और करीब 220 मौतें दर्ज की गई थीं। लेकिन बेहद संक्रामक ओमीक्रोन वेरिएंट आने के बाद शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई। यहां ओमीक्रोन का पहला मामला कोविड के नियमों का उल्लंघन के कारण दो फ्लाइट अटेंडेंट से पहुंचा। रविवार को चीन में एक ही दिन में 3100 से ज्यादा मामले सामने आए। ये दो साल में सबसे ज्यादा है। डॉक्टरों का कहना है कि ओमीक्रोन वेरिएंट के चलते केस बढ़ रहे हैं।
हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी के आकलन के मुताबिक़ मार्च के आखिर तक केस पीक पर हो सकते है और तब प्रतिदिन 1,80,000 नए केसे आने के आसार है। मई के मध्य तक कुल मौतों की संख्या 3,200 से ज्यादा हो सकती है। हॉन्ग कॉन्ग के डॉक्टरों के मुताबिक़ ओमीक्रोन के ज्यादातर मामलों में पहले की तुलना में लक्षण सामान्य ही दिखाई दिए। इसका मतलब यह था कि कुछ लोग अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के सामने संकट यह हो गया है कि जो लोग बिना लक्षण के पॉजिटिव आए उन्हें क्वारंटीन केंद्रों में आइसोलेट किया जा रहा है और यह संख्या बढ़ती ही चली गई।
ओमीक्रोन के लक्षणों में खांसी, बुखार, जुकाम या थकान के साथ-साथ सिरदर्द, नाक बहना, छींक और गले में खराश की शिकायत देखी जाती है। कुछ केस में त्वचा पर घमौरी या हाथ-पैर में सूजन और खुजली के भी मामले आए। हॉन्ग कॉन्ग में घातक संक्रमण फैलने की सबसे बड़ी वजह लोगों का वैक्सीनेशन के प्रति लापरवाही होना बताया जा रहा है। यहाँ बुजुर्गों के टीकाकरण की रफ्तार काफी सुस्त रही। 11 साल से ऊपर के 76.2% लोग पूरी तरह से वैक्सीनेट हैं मगर 80 साल से ऊपर के एक तिहाई लोग ही कोरोना टीका लगवा पाए हैं।