चीन ने अंतरिक्ष में अपना 6G सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। चीन ने पूरे एशियाई देश में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ पहली बार अंतरिक्ष में उपग्रहों का एक समूह लॉन्च किया है।
इस 18 उपग्रहों वाले समूह को उत्तरी चीन के शानक्सी प्रांत में ताइवान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया है। चीन की सरकारी कंपनी शंघाई स्पेसकॉम सैटेलाइट टेक्नोलॉजी ने इस लॉन्चिंग में काम किया है।
दरअसल चीन का ख़याल है कि वह बिल्कुल भी सैटेलाइट नेटवर्क के लिए अमरीका पर निर्भर नहीं रह सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि इस प्रोजेक्ट पर 943 मिलियन डॉलर खर्च हुए हैं। उपग्रह शंघाई स्पेसकॉम सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के लॉन्ग मार्च 6ए रॉकेट से जुड़े हुए हैं।
6G सैटेलाइट के सफल होने पर चाइना मजबूत देशों की फेहरिस्त में अपनी जगह मज़बूत कर सकेगा। माना जा रहा है कि सुपर पावर के खेल में यह एक बड़ा बदलाव साबित होगा।
लगभग 70 किलोग्राम वज़न वाला यह उपग्रह फिलहाल प्रायोगिक स्तर पर बनाया गया है जो अंतरिक्ष में टेट्राहर्ट्स तरंगों का परीक्षण करेगा।
उपरोक्त लॉन्च, लॉन्ग मार्च वाहक रॉकेट सिरीज़ का 530वां उड़ान मिशन था। उपग्रहों में एक निम्न-पृथ्वी कक्षा संचार मेगा-नक्षत्र (Low-Earth orbit communications mega-constellation) शामिल है जिसका उद्देश्य वैश्विक इंटरनेट पहुंच में सुधार करना और आपूर्ति प्रदान करना है।
लॉन्च सेवा प्रदाता चाइना ग्रेट वॉल इंडस्ट्री कॉरपोरेशन के अनुसार, उपग्रह ग्राहकों को कम-विलंबता, उच्च गति और अत्यधिक विश्वसनीय उपग्रह ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेंगे।
ख़बरों के मुताबिक़ इस सैटेलाइट की मदद से चीन अपने जंगलों में आग पर नजर रखेगा साथ ही अपने क्षेत्रों की निगरानी भी करेगा। इतना ही नहीं सैटेलाइट फसलों पर किसी आपदा पर भी इस सेटेलाइट से नजर रखने का काम किया जाएगा जिसमे टिड्डियों का हमला आदि भी शामिल है।