लंदन: एक अध्ययन से पता चला है कि जो छोटे बच्चे भोजन को देखकर या उसकी महक से खुद को रोक नहीं पाते हैं, उनमें किशोरों की तुलना में खाने संबंधी समस्याएं विकसित होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने यूके और नीदरलैंड में 3,670 बच्चों के माता-पिता के डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें बच्चों द्वारा भोजन का आनंद लेना, भोजन से परहेज करना, भोजन करते समय गति और अधिक खाने की भावना जैसे कारक शामिल थे।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और इरास्मस यूनिवर्सिटी रॉटरडैम (Erasmus University Rotterdam) के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन चार या पांच साल के बच्चों को अधिक भूख लगती है, एक दशक बाद उनमें कम समय में अत्यधिक खाने की समस्या होने की संभावना बहुत अधिक थी।
इसके विपरीत, जो बच्चे अपने भोजन में ब्रेक लेते थे और उन्हें जल्द ही पेट भरा हुआ महसूस होता था, उनमे उम्र बढ़ने पर अनियंत्रित भोजन की लालसा या भावनात्मक भोजन यानी भावनाओं से निपटने के लिए भोजन का उपयोग करने की संभावना कम थी।
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— Medical Xpress (@medical_xpress) February 20, 2024
विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि कुछ जोखिम आनुवंशिक थे, एक स्वस्थ भोजन वातावरण और माता-पिता की देख-रेख वाली फ़ूड प्लानिंग संभावनाओं को कम करने में मदद कर सकती है।
अपनी तरह के पहले अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने बचपन में भूख की विशेषताओं की भूमिका और खाने की समस्याओं के साथ इसके संबंध को देखा और इस नतीजे पर पहुंचे कि खाने संबंधी समस्याएं हल करने में एक बेहतर वातावरण और अभिभावकों की देख रेख का बड़ा योगदान होता है। इसमें नियम और अनुशासन का बड़ा योगदान है।