जातीय सर्वे के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से केंद्र से अपनी मांग दोहराई है। उन्होंने केंद्र से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है।
नितीश कुमार के मुताबिक़ यदि केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दे तो वह इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखते हुए उन्होंने ने जातीय सर्वे के हवाले से यह बात कही। पिछले दिनों प्रदेश में कराए गए जातीय सर्वे का हवाला देते हुए कई प्रारंभ होने वाली योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे तो इन योजनाओं को जल्द पूरा किया जा सकता है।
नितीश कुमार ने अपनी बात में कहा कि अब सभी वर्गों के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है, जिसके आधार पर आरक्षण की सीमा तय की गई।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखते हुए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने लिखा कि देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया और उसी आधार पर आरक्षण की सीमा तय की गई। आगे उन्होंने कहा कि अब सभी वर्गों के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है।
गौरतलब है कि बिहार में जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर लगभग 94 लाख गरीब परिवार हैं। मुख्यमंत्री की योजना के मुताबिक़ इन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुपए तक की राशि उपलब्ध करायी जायेगी। ये राशि किश्तों में अदा की जाएगी।
#NitishKumar ने एक्स पर लिखा कि देश में पहली बार #Bihar में जाति आधारित गणना का काम कराया गया और उसी आधार पर आरक्षण की सीमा तय की गई। अब सभी वर्गों के लिए कुल आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। https://t.co/0ZvUS9XD1F
— Navjivan (@navjivanindia) November 22, 2023
अन्य योजनाओं के तहत यहाँ के 39 लाख ऐसे परिवार, जो झोपड़ियों में रह रहे हैं, उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा। इस काम के लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रूपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
साथ ही 63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रूपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रूपये कर दिया गया है। इसके अलावा इन परिवारों को मकान बनाने के लिए भी 1 लाख 20 हजार रूपये की सुविधा दिए जाने की योजना है।
इन परियोजनाओं के लिये अधिक राशि की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने इसके पूरा होने में 5 साल के समय का लक्ष्य रखा गया है। अपनी पोस्ट में इन परियोजनाओं के हवाले से उन्होंने आगे लिखा कि इसमें लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी।
गौरतलब है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वर्ष 2010 से ही की जा रही हैं। इस मांग पर रघुराम राजन कमेटी भी बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट सितम्बर, 2013 में प्रकाशित हुई थी।