एक मानवाधिकार संगठन ने सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के ख़िलाफ़ यमन युद्ध में उनके द्वारा किए जा रहे जघन्य अपरोधों के कारण फ्रांसीसी अदालत में शिकायत दर्ज कराई है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस की राजधानी पेरिस में स्थित एक मानवाधिकार संगठन ने सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की फ्रांस यात्रा के विरोध में उनके द्वारा यमन की जनता पर बरसाए जा रहे बमों और युद्ध अपराधों के ख़िलाफ़ फ्रांसीसी अदालत में शिकायत दर्ज कराई है।
अदालत में शिकायत दर्ज करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के गुट ने अपनी शिकायत में कहा है कि सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान, यमन की आम जनता के नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार हैं। यमन से संबंधित मानवाधिकार संगठन के कार्यक्रता जोज़फ़ बुरहाम और हकीम शरक़ी ने रॉयटर्स न्यूज़ एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि सऊदी युवराज ही वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने 26 मार्च 2015 को यमन के ग़रीब नगरिकों पर बम बरसाने का आदेश दिया था।
अदालत में शिकायत करने वाले दोनों मानवाधिकार कार्यक्रताओं ने कहा कि सऊदी अरब और उसके घटक देशों की अंधाधुंध बमबारी के कारण यमन के आम नागरिकों की ज़िंदगी पूरी तरह ख़तरे में है। मानवाधिकार कार्यक्रताओं के अनुसार सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान द्वारा यमन की जनता पर किए जा रहे पाश्विक हमले मानवता के ख़िलाफ़ किए जा रहे अपराध हैं।
बिन सलमान के ख़िलाफ़ फ्रांसीसी अदालत में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि यमन जैसे निर्धन देश पर सऊदी अरब और उसके गठबंधन देशों के पाश्विक हमलों और घेराबंदी के कारण इस देश के लाखों लोग जीवन व्यतीत करने की बुनियादी ज़रूरतों से वंचित हो गए हैं और लगातार 3 वर्षों से इस निर्धन देश पर युद्ध थोपे जाने से इस समय पूरा यमन अकाल और भूखमरी से जूझ रहा है।
दूसरी ओर फ्रांसीसी मीडिया के सूत्रों ने कहा है कि फ्रांसीसी अदालत, मानवाधिकार संगठन के कार्यक्रताओं द्वारा की गई शिकायत पर जल्द ही सुनवाई करने वाली है और इस बात की आशा भी है कि न्यायलय इस शिकायत पर जल्द ही फ़ैसला भी सुना दे।