चंडीगढ़ : पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्य की 117 से 77 सीटों पर कांग्रेस की जीत में सिरमौर रहे कैप्टन अमरिंदर दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं. Captain
इससे पहले साल 2002 से 2007 तक राज्य की कमान उनके हाथ में थी. कैप्टन के साथ नवजोत सिंह सिद्धू, ब्रह्म महेंद्रा, मनप्रीत सिंह बादल, साधु सिंह धर्मसोत, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, राणा गुरजीत सिंह, चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट मंत्री तथा अरुणा चौधरी और रजिया सुल्ताना ने राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार के तौर पर शपथग्रहण किया.
विधानसभा में कांग्रेस के 77 विधायक हैं और राज्य में वह अधिकतम 18 मंत्री बना सकती है. हालांकि इन मंत्रियों के विभागों का बंटवारा अभी नहीं किया गया है और ऐसे में सभी की नजर नवजोत सिंह सिद्धू के विभाग पर टिकी हैं. ऐसी अटकलें है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है.
कैप्टन अमरिंदर के इस शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल हुए थे.
चंडीगढ़ के पंजाब राजभवन में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह को बहुत ही सादा रखा गया था. कैप्टन के इस सादे शपथ ग्रहण का मकसद जनता के बीच यह संदेश देना था कि कांग्रेस सरकार किसी भी तरह की फिजूलखर्ची नहीं होने देगी.
साथ ही पहले से ही भारी घाटे में चल रही पंजाब सरकार के पास पैसे की कमी है और इसी वजह से इस सरकार के कार्यकाल में फिजूलखर्ची को रोका जाएगा.
वहीं पारिवारिक तौर पर भी कैप्टन अमरिंदर सिंह परेशान चल रहे हैं. उनकी मां महेंद्र कौर चंडीगढ़ के PGI में भर्ती हैं और शपथ ग्रहण समारोह को बिल्कुल सादा रखने के पीछे की एक वजह इसे भी माना जा रहा है.
पंजाब में सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस दस साल के बाद सत्ता में आई है. उसने विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर कब्जा जमाया.
सत्तारूढ़ शिअद-बीजेपी को 18 सीटें मिली, राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी आप ने 20 सीटें जीतीं, जबकि दो सीटें नई पार्टी और AAP की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी को मिली थी.