अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शनों के बाद छुट्टी घोषित कर दी गई है जिसकी वजह से सैकड़ों विदेशी छात्र मुश्किल में पड़ गए हैं. इतनी जल्दी इनका घर जाना मुमकिन नहीं और हॉस्टल से इन्हें बाहर कर दिया गया है.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शनों के बाद छुट्टी घोषित कर दी गई है जिसकी वजह से सैकड़ों विदेशी छात्र मुश्किल में पड़ गए हैं. इतनी जल्दी इनका घर जाना मुमकिन नहीं और हॉस्टल से इन्हें बाहर कर दिया गया है.
रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सभी परीक्षाओं को स्थगित करते हुए विश्वविद्यालय को पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया और छात्रावास खाली करा लिए गए लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन छात्रों को हो रही है जो दूसरे देशों से यहां आकर पढ़ रहे हैं. समय से पहले शीतकालीन अवकाश हो जाने और अलीगढ़ में अब भी असामान्य स्थिति बनी रहने के कारण ऐसे सैकड़ों छात्रों को मस्जिदों तक में शरण लेनी पड़ रही है.
विदेशी छात्रों के साथ दिक्कत यह है कि वह इतनी जल्दी ना तो अपने देश जा सकते हैं और ना ही अलीगढ़ में किसी के यहां रुक सकते हैं क्योंकि ज्यादातर छात्र ऐसे हैं जिनका कोई स्थानीय अभिभावक नहीं हैं. होटलों में उन्हें रहने के लिए कमरे आसानी से नहीं मिल रहे हैं इसीलिए ज्यादातर छात्रों को आस-पास की मस्जिदों में शरण लेनी पड़ी है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में इस समय सात सौ से ज्यादा विदेशी छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं जिनमें करीब दो सौ एनआरआई भी हैं. इनमें से लगभग ढाई सौ लड़कियां हैं. एएमयू प्रशासन के मुताबिक, सबसे ज्यादा छात्र यमन और थाईलैंड के हैं.
इसके अलावा यहां अफगानिस्तान, अमेरिका, बांग्लादेश, कनाडा, मिस्र, ईरान, इंडोनेशिया, ईरान, जॉर्डन, लीबिया, मॉरीशस, नेपाल, न्यूजीलैंड, नाईजीरिया, फलस्तीन, सूडान, सोमालिया, सीरिया, थाईलैंड, तुर्कमेनिस्तान के छात्र-छात्राएं शामिल हैं. सभी हॉस्टलों को खाली करने के आदेश और उन्हें जबरन खाली कराए जाने के बाद ये सभी छात्र परेशान हैं.
हालांकि कुछ छात्रों के रिश्तेदार भारत के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं इसलिए उन छात्रों को कुछ राहत है लेकिन ज्यादातर छात्र ऐसे हैं जिनका यहां कोई नहीं है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने हालांकि स्थानीय यानी भारतीय छात्रों को उनके घर भेजने में कुछ मदद की थी लेकिन विदेशी छात्रों की समस्या के आगे वो खुद भी असहाय महसूस कर रहा है.