देहरादून। मुहर्रम के मौके पर जहां शिया समुदाय के लोग मातमी जुलूस में लहू बहाते हैं, वहीं देहरादून के विकासनगर में कुछ युवाओं ने हटकर काम किया। यहां युवाओं ने जुलूस में रक्त बहाने के साथ ही रक्तदान को भी प्राथमिकता दी। पिछले साल से शुरू हुई युवाओं की यह पहल इस बार भी कायम रही। blood donation
मुहर्रम पर अंबाड़ी में सदरे अंजुमने हैदरी अंबाड़ी व बल्ती यूथ फेडरेशन की ओर से रक्तदान शिविर लगाया गया। सुबह से ही युवाओं में रक्तदान के प्रति उत्साह देखा गया। सभी की ख्वाहिश एक ही थी कि मातमी जुलूस में खून बहाने के साथ ही खून को मानवता बचाने के लिए दान किया जाए। ताकि तमाम जिंदगियां बचाई जा सके।
शिया समुदाय के युवक युवतियों के अलावा हिंदुओं ने भी इस मौके पर रक्तदान किया। अंजुमन से जुड़े फिरोज खान का कहना था कि हजरत इमाम हुसैन साहब ने मानवता को बचाने के लिए बड़ी कुर्बानी दी। वहीं, रक्तदान के रूप में उनकी मानवता को बचाने के लिए छोटी कोशिश है।
उन्होंने कहा कि इसके पीछे उददेश्य यह है कि दिए गए रक्त से जिंदगियां बच सकें। किसी जरूरतमंद के लहू काम आ सके और मानवता की रक्षा हो सके। इस दौरान मीसम रजा, अल्पसंख्यक आयोग सदस्य सफदर अली, रिजवान हुसैन नमरोज, सिकंदर, सद्दाम अहमद, फिरोज, तबस्सुम, पाकिजा बानो, ताहिरा खान आदि ने मौजूद रहे। blood donation
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