भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में पहली बार बहुमत हासिल कर लिया है। विधान परिषद की 100 में से 64 सीटों पर इस समय भाजपा का कब्ज़ा हो गया है। दूसरी ओर सपा को करारी हार मिलने से विपक्ष का कद काम हुआ है। इन नतीजों ने अखिलेश यादव की चुनौतियां बढ़ा दी हैं।
विधान परिषद की रिक्त 36 सीटों के लिए स्थानीय निकाय प्राधिकार में से 33 पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली है। भाजपा प्रत्याशी 9 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल कर चुके थे। शेष 24 सीटों पर आज विजेता घोषित किये गए।
विधान परिषद के परिणाम समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के लिए निराशाजनक रहे हैं। पार्टी का एक भी सीट पर खाता नहीं खुला। जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है।
विधान परिषद चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 3 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। इनमे सबसे बड़ा झटका वाराणसी की सीट पर लगा है, जहां पार्टी के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर हैं। यह पीएम मोदी की संसदीय सीट है। वाराणसी में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल की है। आजमगढ़ में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। यहां भाजपा से ही निकाले गए नेता के बेटे विक्रांत विजयी हुए हैं। प्रतापगढ़ सीट पर भी भाजपा को हार मिली है। यहां राजा भैया की पार्टी के अक्षय प्रताप ने कामयाबी पाई है।