अयोध्या. अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में सोमवार से रोजाना सुनवाई होगी. इस मामले में सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर बीजेपी के कई शीर्ष नेताओं पर आरोप तय किए जाने हैं.
इसी मामले में शनिवार को राम विलास वेदांती, चम्पत राय, बीएल शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दस और धर्मदास ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया था. जिसके बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी.
इस दौरान वेदांती ने कहा था कि उन्ही के कहने पर कारसेवकों ने विवादित ढांचा को गिरा दिया था. उन्होंने कहा था कि इस मामले में सीबीआई ने लाल कृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को साजिशन फंसाया है. उन्होंने कहा कि इन नेताओं का ढांचा गिराए जाने में कोई भूमिका नहीं थी. वेदांती ने कहा कि अगर राम मंदिर के लिए उन्हें फंसी पर चढ़ना पड़े तो भी वे तैयार हैं.
बता दें 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में मामले का ट्रायल एक महीने के भीतर शुरू करते हुए रोजाना सुनवाई करने को कहा था. शीर्ष अदालत ने विशेष सीबीआई कोर्ट को दो साल में निर्णय देने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीजेपी के प्रमुख नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत विहिप के कई नेताओं पर सीबीआई विशेष कोर्ट में ट्रायल चलाया जाना है.
इन नेताओं पर ट्रायल चलाए जाने की याचिका को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में विवादित ढांचा विध्वंस को देश के संविधान के धर्मनिरपेक्ष तत्व को झकझोर देने वाला अपराध बताया था.
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ढांचा विध्वंस के समय यूपी के सीएम रहे कल्याण सिंह को मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल पद पर होने की वजह से ट्रायल से मुक्त रखा है. हालांकि कोर्ट ने कहा था कि कल्याण सिंह के राज्यपाल पद से हटते ही ट्रायल कोर्ट उन पर आरोप तय करेगा.
बता दें इस मामले में गिरिराज किशोर और अशोक सिंघल की मौत हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा फ़रवरी 2001 के निर्णय में अडवानी व अन्य पर आरोप हटाने के फैसले को त्रुटिपूर्ण माना था.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन ने सीबीआई को मामले का ट्रायल 25 साल से लंबित रखने के लिए फटकार भी लगाई थी.