ऑस्ट्रेलिया ने कुछ भारतीय राज्यों के आवेदकों के लिए छात्र वीज़ा की औपचारिकताओं को कड़ा कर दिया है, जबकि कुछ ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने इन राज्यों से आवेदन स्वीकार करना बंद कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, ये कदम ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा प्रणाली की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे हैं।
यह कदम उत्तर प्रदेश सहित पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों से आने वाले आवेदन के आधार पर उठाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यहाँ से फर्जी या अप्रमाणिक आवेदनों में वृद्धि पाई गई है। खबर है कि कुछ ख्वाहिशमंद स्थायी निवास प्राप्त करने के लिए शैक्षिक वीजा का उपयोग कर रहे हैं।
विदेशी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुछ ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने इन क्षेत्रों से आवेदन स्वीकार करना बंद कर दिया है, जबकि अन्य ने आवेदकों के लिए अतिरिक्त सत्यापन प्रक्रियाएं शुरू की हैं।
ऑस्ट्रेलियाई प्राधिकारियों ने शैक्षिक वीज़ा के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा क्षेत्र की अखंडता प्रभावित हो सकती है, जो देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इन प्रतिबंधों से भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले वास्तविक छात्रों के लिए कठिनाइयां पैदा हो सकती हैं तथा शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।
यद्यपि ये प्रतिबंध सभी संस्थानों पर समान रूप से लागू नहीं किए गए हैं, लेकिन बड़ी संख्या में गलत आवेदनों का सामना कर रहे विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलियाई गृह विभाग के साथ मिलकर अपनी प्रवेश प्रक्रियाओं को कड़ा कर रहे हैं।