नई दिल्ली: अभी तक सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करीब 300 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इनमें विवाद की वजह बने कई चर्चित नेताओं को टिकट नहीं दिया गया है। Atiq
बाहुबली नेता अतीक अहमद का पहले ही कानपुर कैंट से टिकट काट दिया गया था। अब उसी कड़ी में अंसारी बंधुओं मुख्तार अंसारी और शिबगतुल्लाह अंसारी को भी टिकट नहीं देने का फैसला किया गया है।
उल्लेखनीय है कि इन लोगों के नाम मुलायम सिंह और शिवपाल यादव द्वारा दिसंबर में जारी की गई सूची में थे।
सपा में घमासान के बीच सूची में इस तरह के नामों को शामिल करना मुलायम और अखिलेश के बीच विवाद की बड़ी वजह भी माना गया था।
सिर्फ ये चर्चित नाम ही सूची से बाहर नहीं हैं, बल्कि माना जा रहा है कि अब तक मुलायम के सूची के 93 नामों को खारिज कर उनकी जगह अखिलेश ने दूसरे लोगों को टिकट दे दिए हैं।
इसी तरह मुलायम सिंह ने महाराजगंज की नौतनवां सीट से पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि को प्रत्याशी बनाया था। अमनमणि को पिछले साल पत्नी सारा की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की सीबीआर्इ जांच चल रही है। अखिलेश ने अमनमणि का टिकट भी काट दिया है।
अखिलेश ने अपने दो मंत्रियों के टिकट भी काट दिए हैं। मंत्री मनपाल सिंह को कासगंज सीट से टिकट नहीं दिया गया है। मंत्री विजय कुमार मिश्र का गाजीपुर सीट से टिकट काटा गया है।
इसी तरह गाजीपुर जिले की जहूराबाद सीट से शिवपाल यादव की करीबी पूर्व मंत्री शादाब फातिमा का टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह नए चेहरे महेंद्र चौहान को टिकट दिया गया है। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले महेंद्र के पिता की पंक्चर की दुकान है।
गौरतलब है कि सपा में घमासाना थमने और पिता-पुत्र में सुलह के बाद मुलायम सिंह ने अपने 38 समर्थकों के नामों की सूची अखिलेश यादव को दी थी। उसमें जसवंतनगर सीट से शिवपाल यादव और लखनऊ कैंट सीट से छोटी बहू अपर्णा यादव का नाम भी था। अखिलेश ने शिवपाल और अपर्णा को तो टिकट दिए हैं लेकिन इस सूची के तकरीबन 12 नामों को टिकट नहीं दिया गया है।
इसी तरह एक चर्चित नाम गायत्री प्रसाद प्रजापति की अमेठी सीट पर पेंच फंसा है। दरअसल कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत कांग्रेस गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली और अमेठी की सभी 10 सीटें चाहती है। फिलहाल यहां से सपा के पास सात सीटें हैं और दो सीटें कांग्रेस के पास हैं। गायत्री पिछली बार अमेठी सीट से जीते थे और मुलायम सिंह के बेहद करीबी हैं। नई सियासी परिस्थितियों के चलते गायत्री प्रसाद की सीट पर अभी फैसला नहीं हो सका है।
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