नई दिल्ली। त्रिपुरा में भाजपा के वाम मोर्चो के 25 साल के शासन का अंत करने के बाद भाजपा और आईपीएफटी गठबंधन प्रदेश में सरकार बनाएगा। उधर नागालैंड में एनपीएफ और बीजेपी गठबंधन के साथ एनडीपीपी में बराबर की टक्कर है। बात करें मेघालय की तो यह बीजेपी पिछड़ गई है और कांग्रेस ने यहां बाजी मारी है लेकिन यहां कांग्रेस सरकार बनाने में असमर्थ है यहां कांग्रेस को जोड़ तोड़ करके गणित बिठाना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में शून्य से शिखर तक भाजपा के उदय का श्रेय आज अपनी पार्टी के विकास के ठोस एजेंडे और अपने संगठन की मजबूती को दिया। त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में विधानसभा चुनावों की जीत के बाद किए गए कई ट्वीट में मोदी ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत कोई साधारण चुनावी जीत नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, विकास के ठोस एजेंडे और हमारे संगठन की मजबूती के कारण शून्य से शिखर तक का यह सफर संभव हुआ है। सालों तक जमीनी स्तर पर लगातार काम करने के लिए मैं भाजपा के हर कार्यकर्ता के आगे शीश झुकाता हूं।
मोदी ने यह भी कहा कि लोग राजग सरकार के सकारात्मक एवं विकासोन्मुखी एजेंडे में विश्वास जता रहे हैं। उन्होंने कहा, लोगों के पास नकारात्मक, अवरोध पैदा करने वाली और लोगों से कटी हुई किसी तरह की राजनीति के लिए समय या सम्मान नहीं है।
त्रिपुरा में जीत पर मोदी ने ट्वीट किया, यह प्रचंड बल एवं धमकी पर लोकतंत्र की जीत है। आज भय पर शांति एवं अहिंसा की जीत हुई है। हम त्रिपुरा को वह सुशासन देंगे जिसका वह हकदार है।
आपकों बता दे त्रिपुरा में बीजेपी और आईपीएफटी गठबंधन ने 43 सीटें जीती है जबकी सीपीएम को वहां 16 ही सीटों पर संतोष करना पड़ा है। उधर नागालैंड में एनपीएफ को 29 सीटें मिली है तो बीजेपी गठबंधन के साथ एनडीपीपी ने 29 सीट जीतने में कामयाबी हासिल की है और 2 सीटों पर निर्दलीय को जीत मिली है। वहीं मेघालय में कांग्रेस को 21 और एनपीपी को 19 सीटें मिली है वहीं बीजेपी को यहां बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा है यहां बीजेपी को मात्र 2 सीटें मिली है। यूडीपी को 6 सीट मिली है तो 11 सीटो पर निर्दलीयों ने कब्जा किया है।