नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन प्राइम की कमर्शियल हेड अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया।
फैसले के मुताबिक़ याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी नहीं होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपर्णा को जांच में सहयोग देने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया कि अमेजन प्राइम और नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफार्मों को नियमित करने के लिए सरकार के नए दिशानिर्देश प्रभावी नहीं है क्योंकि इन दिशानिर्देशों में अभियोजन का कोई प्रावधान नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देशों के बजाय कानून बनाने की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देशों के बजाय कानून बनाने की जरूरत है।
जनवरी में शीर्ष अदालत ने वेब सिरीज़ तांडव को किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण देने से इनकार कर दिया था और उन्हें मामले में जमानत लेने के लिए संबंधित अदालतों को रूख करने के लिए कहा था।
अपर्णा पुरोहित पर हिंदू देवताओं के अनुचित चित्रण सहित उत्तर प्रदेश पुलिस कर्मियों और वेब श्रृंखला में प्रधानमंत्री की भूमिका में एक चरित्र के प्रतिकूल चित्रण का आरोप है। 25 फरवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
19 जनवरी को ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा पुलिस स्टेशन में बलबीर आजाद ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आजाद ने आरोप लगाया था कि वेब श्रृंखला में जानबूझकर हिंदू देवी-देवताओं को बदनाम किया गया और उत्तर प्रदेश और इसकी पुलिस को खराब ढंग से चित्रित किया गया।
वेब सीरीज के खिलाफ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में कई अन्य एफआईआर भी दर्ज की गई हैं।