फ्रांस के बियारित्स में जी7 की बैठक के दौरान पूरे समय कुछ चुप से रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के राष्ट्रपति से मुलाकात पर रजामंदी जता कर हलचल मचा दी है. सोमवार को राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि वह वह ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी से अगले कुछ हफ्तों में मुलाकात करेंगे अगर परिस्थितियां सही हुईं.
डॉनल्ड ट्रंप का कहना है कि वह 2015 के परमाणु करार पर चली आ रही तनातनी को खत्म करने पर बात करेंगे और इसके लिए भी बातचीत की जा रही है कि ईरान की अर्थव्यस्था को चलाते रहने के लिए कैसे देश कर्ज का रास्ता खोल सकते हैं.
हालांकि ट्रंप ने जी7 की बैठक के दौरान ईरान को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिबंधों को हटाने से इनकार किया. ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उनके और राष्ट्रपति रोहानी की मुलाकात पर विचार करना उचित है.
इसके साथ ही उन्होंने ईरान को “जबर्दस्त संभावना” वाला देश कहा. ट्रंप ने कहा, “मेरी भावना अच्छी है, मुझे लगता है कि वह (हसन रोहानी) मिलना चाहते हैं और परिस्थिति को ठीक करना चाहते हैं. बहुत तकलीफ हो रही है.”
जी7 के मेजबान फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने इसी कांफ्रेंस में कहा कि ईरानी राष्ट्रपति ने उनसे कहा है कि वे डॉनल्ड ट्रंप से मिलने को तैयार होंगे. माक्रों ने यह भी कहा है कि इन दोनों की मुलाकात अगले कुछ हफ्तों में हो सकती है.
ट्रंप और रोहानी सितंबर में संयुकत्त राष्ट्र की आमसभा में मौजूद होंगे. ऐसे में उम्मीद जताई जा सकती है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह मुलाकात आम सभा के दौरान अलग से हो सकती है. ईरानी राष्ट्रपति हसन रोहानी ने ट्रंप से मुलाकात पर रजामंदी दिखाई है.
ईरान के राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक रोहानी ने कहा है, “अगर मैं जानता हूं कि किसी से मुलाकात कर मेरे देश की समस्या का समाधान हो सकता है तो मैं हिचकूंगा नहीं क्योंकि मुख्य मुद्दा है देश का राष्ट्रीय हित.”
डॉनल्ड ट्रंप और हसन रोहानी की मुलाकात में जो कुछ भी तय होता है उसे अमेरिका के प्रबल विरोधियों में एक ईरान के सुप्रीम कमांडर अयातोल्लाह खमेनेई की मंजूरी लेनी होगी.
साभार- डी डब्ल्यू हिन्दी