नई दिल्ली: पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा कि पूरा देश यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ कर रहा है. ऐसे में भी इनकी कोई बात नहीं मानी गई. उन्होंने कहा कि तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपील की कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया जाए. यही वजह है कि पार्टी का आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है.
रामगोपाल यादव ने बनाया लेकिन दो लोगों ने पार्टी को खत्म करने की साजिश की. पहला प्रस्ताव है यह अधिवेशन सर्वसम्मति से यूपी के मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाता है और उन्हें यह अधिकार देता है कि वह समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को जरूरत के हिसाब से गठित करें.
रामगोपाल यादव ने कहा कि दूसरा प्रस्ताव मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी का सर्वोच्च नेता माना जाए. तीसरा प्रस्ताव यह है. शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष पद से तत्काल हटाया जाए और अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया जाए.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो प्रस्ताव हुए वह उन लोगों के खिलाफ हैं जिन्हें पार्टी के खिलाफ काम किया है. उन्होंने कहा कि अगर नेताजी के खिलाफ साजिश हो और पार्टी के खिलाफ साजिश हो तो बेटा होने के नाते मेरे जिम्मेवारी है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो. अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी का जहां नुकसान होगा वहां कार्रवाई करना पड़ेगा.
अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी में ऐसे लोग हैं जो सरकार बनाना नहीं चाहते हैं, लेकिन सरकार बनेगी तो नेताजी को सबसे ज्यादा खुशी होगी. उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि पार्टी की सरकार एक बार फिर बने. उन्होंने कहा कि 3-4 महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में यह सब पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया कि पार्टी का मनोबल अभी तक कम नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि नेता जी के बेटे के हैसियत से मुझे जो कुछ भी करना होगा, करूंगा. उन्होंने कहा कि राज्य में एक सेक्युलर सरकार बने, यही उम्मीद करता हूं. उन्होंने नए साल की सभी को बधाई दी.
टिकट बंटवारे को लेकर दो दिनों तक चला सियासी ड्रामा अभी ख़त्म होता नहीं दिख रहा है. आज समाजवादी पार्टी का विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है. ये बैठक जनेश्वर मिश्र पार्क में होने वाली है. रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए इस राष्ट्रीय अधिवेशन में कुछ बड़े फ़ैसले लिए जा सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक अधिवेशन में अमर सिंह को पार्टी से निकाला जा सकता है और अखिलेश यादव को कार्यवाहक अध्यक्ष और पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. साथ ही शिवपाल यादव को लेकर भी कोई प्रस्ताव आ सकता है.
इससे पहले शनिवार को अखिलेश से मिलने के बाद मुलायम ने उनकी बर्ख़ास्तगी वापस ली. साथ ही रामगोपाल का निष्कासन भी वापस लिया गया. शिवपाल ने मीडिया में आकर कहा कि अब सब कुछ ठीक हो गया है, लेकिन आज गाज उन्हीं पर गिरती दिख रही है.
उल्लेखनीय है कि शनिवार को पार्टी में घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव और आजम खान की बैठक के बाद अखिलेश और रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया है. अब एक बार फिर दोनों की पार्टी में वापसी हो गई है. माना जा रहा है कि आजम खान ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई.
उसी का नतीजा है कि एक बार फिर सुलह की गुंजाइश बनी और सपा सुप्रीमो ने बैठक खत्म होने के तत्काल बाद अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव के निष्कासन को रद्द करते हुए उनकी पार्टी में वापसी का फैसला लिया.
इस बैठक में शिवपाल और अबू आजमी भी मौजूद थे. बैठक में आजम ने अखिलेश के साथ मिलकर अमर सिंह को निकालने की मांग भी की. आजम ने कहा कि अगर अमर सिंह को निकाला जाता है तो सब ठीक होगा