नई दिल्ली.एयरसेल-मैक्सिस डील में पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर दयानिधी मारन, उनके भाई कलानिधी मारन और बाकी आरोपियों को बरी करने के खिलाफ ईडी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। Aircel
ईडी ने स्पेशल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। जिस पर SC शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इस मामले में सीबीआई और ईडी ने केस दर्ज कराए थे।
गुरुवार को मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज ओपी. सैनी ने मारन और उनके भाई को बरी करने का फैसला सुनाया था।
बता दें कि जस्टिस सैनी ही 2जी स्पैक्ट्रम मामले की जांच कर रहे हैं।
सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी। उसने मारन ब्रदर्स के अलावा राल्फ मार्शल, टी. आनंद कृष्णन, सन डायरेक्ट टीवी, ऑल एशिया नेटवर्क यूके और साउथ एशिया एंटरटेनमेंट होल्डिंग लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में तब के टेलिकॉम सेक्रेटरी जेएस. शर्मा के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था।
ईडी ने मनी लांड्रिंग केस में मारन ब्रदर्स के अलावा कलानिधी की वाइफ कावेरी और कुछ दूसरे लोगों के नाम लिए थे । सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों ने खुद पर लगाए गए आरोपों को नकार दिया था।
डील में शामिल दो मलेशियाई नागरिकों राल्फ मार्शल और टी. आनंद कृष्णन के खिलाफ अलग से केस चलता रहेगा। दयानिधि मारन ने फैसले के बाद कहा- मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि ये पॉलिटिकली मोटिवेटेड केस है। मैं इसका शिकार हुआ। बेकसूर साबित होने के लिए 6 साल तक मशक्कत की। आरोपों के बाद रिजाइन कर दिया दिया।
ईडी ने ने दयानिधि और कलानिधि मारन के खिलाफ पिछले साल चार्जशीट दाखिल की थी। मारन ब्रदर्स के अलावा कलानिधि मारन की पत्नी कावेरी और 3 दूसरे लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी ।
ईडी ने इस मामले में 1 अप्रैल 2015 को दयानिधि मारन, कलानिधि मारन और कावेरी मारन की करीब 742 करोड़ की संपत्ति को ज़ब्त किया था।
2006 में सीबीआई ने कोर्ट में ये आरोप लगाया था कि दयानिधि मारन ने चेन्नई के टेलीकॉम ऑपरेटर सी शिवाशंकरन को एयरसेल और मैक्सिस ग्रुप में अपना हिस्सा बेचने के लिए दबाव बनाया था।