विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व भर में हैजा संक्रमण में तेजी से हो रही वृद्धि के बारे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी दी है।
डब्ल्यूएचओ ने हैजा से दुनिया भर में तेजी से हो रही मौतों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है तथा चेतावनी दी है कि यह बीमारी कई क्षेत्रों में फैल रही है। इसके अलावा जलवायु संकट के कारण पहले से ही पीड़ित कमजोर आबादी कहीं अधिक खतरे का सामना करने को मजबूर है।
रिपोर्ट से पता चला है कि कई देशों में मृत्यु दर 1% से अधिक हो गई है, जिसमें अंगोला विशेष रूप से सबसे अधिक प्रभावित देश है। पिछले वर्ष इस बीमारी से 4000 से अधिक लोगों की मौत हुई , जो 2022 की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में भी 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि हर साल, हैजा के 1.3 से 4.0 मिलियन मामले होते हैं और कई देशों में मृत्यु दर 1% से अधिक हो गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन में हैजा टीम के प्रमुख डॉ. फिलिप बारबोज़ा ने जिनेवा में आयोजित सम्मेलन में बताया कि 2025 के पहले कुछ महीनों में ही वैश्विक स्तर पर 100,000 से अधिक मामले और 1,300 मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।
डब्ल्यूएचओ ने हैजा के वैश्विक पुनरुत्थान के संबंध में जो चेतावनी जारी की थी, जिसके अनुसार 2024 की शुरुआत से 33 देशों में इसका प्रकोप होने की सूचना दी गई थी, जिसके परिणामस्वरूप दुनिया भर में 511,000 से अधिक मामले सामने आने और 4,100 मौतें होने की बात कही गई थी।
2024 के प्रारंभिक आंकड़ों से 810,000 मामले और 5,900 मौतें सामने आईं, जो 2023 की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। हालाँकि डॉक्टर बारबोज़ा ने यह चेतावनी भी दी कि अधूरी रिपोर्टिंग के कारण वास्तविक संख्या अधिक होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में हैजा जैसी बीमारी नहीं होनी चाहिए। फिर भी यह अब उन देशों में भी फैल रहा है जहां यह पहले कभी मौजूद नहीं था, जैसे नामीबिया और केन्या।
गौरतलब है कि फिलिप बारबोजा वर्तमान में जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य आपातकालीन कार्यक्रम (WHE) के हैजा कार्यक्रम के टीम लीडर हैं, साथ ही हैजा नियंत्रण पर वैश्विक टास्क फोर्स (GTFCC) के सचिवालय के प्रमुख भी हैं।