उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण को ध्यान में रखते हुए नई कवायद शुरू की है। प्रदेश सरकार सभी 57 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में एक-एक सूर्य सखी की तैनाती करने जा रही है।
बीसी सखी और विद्युत सखी की सफलता के बाद यूपीएसआरएलएम यानी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत लाखों महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को अब डिस्ट्रिब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादों से जोड़ा जाएगा।
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जानकारी दी है कि इसके लिए पहले चरण में 10 हज़ार उद्यमों को सोलर आधारित तकनीकों से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे महिलाओं को सतत रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन का कहना है कि वर्तमान में समूह की महिलाओं द्वारा लाखों की संख्या में उद्यम स्थापित किए गए हैं।
उनका कहना है कि इन सभी महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को डीआरई प्रोडक्ट प्रोडक्ट के माध्यम से जोड़ने की पहल की जाएगी।इनमे सोलर आटा चक्की ,सोलर वाटर पम्प, सोलर ड्रायर, सोलर ड्री फ्रीजर, सोलर कोल्ड स्टोरेज, सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन, बायो फ्लॉक में सोलर सिस्टम सहित मिल्क चिलर को डीआरई प्रोडक्ट के ज़रिए जोड़ा जाएगा।
विपक्ष की ओर से महिलाओं का मुद्दा उठाते हुए सपा विधायक रागिनी सोनकर का कहना है कि आंकड़े बताते हैं कि पूरे देश में 60 करोड़ लोग हैं, जो राशन पर आश्रित हो चुके हैं। प्रतिवर्ष 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जा रहे हैं। मध्यम वर्ग की बात करें तो आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 2010-11 में मध्यम वर्ग की आमदनी जीएसडीपी का 25 प्रतिशत हुआ करती थी। आज इस समय 5.1 प्रतिशत पर आकर रह गई है। आगे उन्होंने कहा कि नियमित वेतनभोगी 22 प्रतिशत थीं, आज 16 प्रतिशत तक आ गई हैं। कहीं न कहीं वन ट्रिलियन इकॉनमी के जुमले का शिकार पूरे प्रदेश का गरीब, नौजवान, महिलाएं और मध्यम वर्ग हो रहा है।
इन आंकड़ें के साथ रागिनी सोनकर ने सवाल उठाया कि प्रदेश वन ट्रिलियन इकॉनमी कब तक होगा? अन्य आंकड़ों का हवाला देते हुए उनका कहना था कि 20 से 25 वर्ष में भी हम वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी नहीं बन सकते हैं।
उनके मुताबिक़ इसके लिए 20 प्रतिशत ग्रोथ रेट की जरूरत है और वर्तमान ग्रोथ रेट 10 प्रतिशत तक पहुंच पाया है। उन्होंने सवाल किया कि जो गरीबी रेखा के नीचे जा रहे लोगों को ऊपर उठाने के लिए क्या कोई नीति है? मध्यम वर्ग की पॉकेट वापस भरने के लिए कोई नीति है? महिलाओं को वापस नौकरी पर लाने के लिए कोई योजना है?