भारत सरकार ने टेक्नीकल क्राइसिस को देखते हुए गूगल क्रोम यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है। भारत सरकार की साइबर सिक्युरिटी संस्था CERT-IN ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि ChromeOS में पाई जाने वाली कुछ कमियों के चलते कई खतरे महसूस किए जा रहे हैं।
एडवाइजरी के मुताबिक, हैकर्स उपभोक्ता के सिस्टम से गलत काम करवा सकते हैं। इसका कारण कुछ तकनीकी कमियों को बताया गया है, जिसके बारे में सरकारी एजेंसी का कहना है कि ऐसे में मैकबुक, पीसी या लैपटॉप पर क्रोम चलाने वाले यूजर्स को खतरा है। अभी तक स्मार्टफोन यूजर्स के लिए ऐसी कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
टेक विशेषज्ञ ChromeOS में कुछ ऐसी कमियों की जानकारी दे रहे हैं जिनका फायदा उठाकर हैकर कंप्यूटर/क्रोमबुक का एक्सेस हासिल कर सकते हैं। ये हैकर्स यूज़र्स की जासूसी भी कर सकते हैं। ऐसे में क्रोमबुक का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता को उसकी निजता से जुड़े खतरे भी हो सकते हैं।
एक्सपर्ट के मुताबिक़, ChromeOS के लूज़ पोल कुछ ऐसी कमियां लिए हैं जिनका फायदा हैकर्स उठा सकते हैं। ऐसे में हैकर, उपभोक्ता के कंप्यूटर/क्रोमबुक का एक्सेस हासिल कर सकते हैं। ऐसे में सरकारी साइबर सिक्युरिटी संस्था CERT-IN ने क्रोम यूजर्स को सावधान बरतने की सलाह देते हुए एक एडवाइज़री जारी की है।
हैकर उपभोक्ता के कंप्यूटर का एक्सेस हासिल करने के बाद न सिर्फ उपभोक्ता की जासूसी कर सकते बल्कि उन्हें किसी भी निजी जानकारी के आधार पर भारी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं।
गूगल द्वारा एक ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि यदि आपको ChromeOS में कोई गड़बड़ी या समस्या मिलती है, तो आप उसकी रिपोर्ट कर सकते हैं।
जानकारों का कहना है ChromeOS वर्जन 16093.68.0 से पहले के सभी वर्जन और 132.0.6834.94 से पहले के सभी ब्राउजर वर्जन पर इन हैकर्स के निशाने पर है और इससे बचने के लिए ChromeOS को जल्द से जल्द अपडेट करना बेहतर होगा।