किसानों का दिल्ली कूच का प्रयास रविवार को भी असफल रहा। एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर ये किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करना चाहते थे।किसान आंदोलन मामले में आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में पहले एक याचिका दाखिल की गई थी, इसमें शंभू बॉर्डर समेत सभी हाईवे को खोलने के निर्देश केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को देने की मांग की गई थी।
किसानों का 101 सदस्यीय दल रविवार दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुआ लेकिन शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने उन्हें रोका। पुलिस और किसानों के बीच करीब चार घंटे के टकराव के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने जत्थे को वापस बुला लिया।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा केंद्र सरकार के साथ बातचीत करवाने का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली कूच एक और दिन के लिए टाल दिया है। बताते चलें देर शाम हरियाणा और पंजाब पुलिस की किसानों से बैठक हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में हाईवे बंद होने पर याचिका दाखिल की गई है। याचिका कर्ता गौतम लूथरा ने याचिका में किसानों द्वारा बंद किए गए सभी राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक को आम जनता के लिए खोले जाने की मांग की है।
दूसरी तरफ खन्नौरी में 12 दिन से आमरन अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत खराब होने की खबर आ रही है।
रविवार को दोपहर 12 बजे जब किसानों का जत्था आगे बढ़ा तो हरियाणा पुलिस ने उनपर फूल बरसाकर और चाय बिस्किट खिलाकर उनका स्वागत किया। मगर जब दिल्ली कूच पर अड़े किसान बैरिकेडिंग पर चढ़ने लगे तो दोनों तरफ से टकराव के हालात बन गए। पुलिस ने इस किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े और इन्हें तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की। पुलिस और किसानों के बीच यह मुठभेड़ करीब पाैने चार घंटे चली।
इस मुक़ाबले में सात किसान घायल हो गए, जिनमें से चार की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। इनमे से एक किसान को पीजीआईजी चंडीगढ़ रेफर करना पड़ा।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े, मिर्ची स्प्रे किया और रबड़ की गोलियां भी चलाई, जिससे किसान जख्मी हुए हैं।
पंधेर ने कहा कि किसानों को देश विरोधी दिखाने के लिए केंद्र सरकार प्रचार तंत्र का प्रयोग कर रही है।आगे उन्होंने कहा कि आज जो शंभू बॉर्डर पर किसानों के साथ हुआ, उसे पूरे देश ने देखा है। पैदल जा रहे किसानों के पास कोई हथियार नहीं था।
पंधेर ने बताया कि हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने उनकी केंद्र से बातचीत कराने का आश्वासन दिया है। पंधेर ने पहचानपत्र न दिखाए जाने की बात पर कहा कि जिन 101 किसानों की सूची पंजाब व हरियाणा सरकारों को दी गई थी, वही दिल्ली कूच के लिए गए थे। आगे उन्होंने कहा कि जिस तरह का व्यवहार किसानों के साथ किया जा रहा है वह बेहद निंदनीय है।
बताते चलें कि किसानों के शंभू सीमा पर पहुंचने के बाद पहचान पत्र दिखाने को लेकर हरियाणा पुलिस और किसानों में बहस हुई। पुलिस पहचान पत्र की मांग कर रही थी जबकि किसान पहले जत्थे को जाने और फिर आईडी दिखाने की बात कर रहे थे।