रोम: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने अपने इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से कहा है कि लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन कर्मियों पर हमले अस्वीकार्य हैं। लेबनान में ब्लू लाइन पर भारत के भी 900 सैनिक तैनात हैं।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इटली के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जियोर्जिया मेलोनी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को संदेश भेजा है।
इतालवी सरकार ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मैलोनी ने इज़राइल को याद दिलाया है कि इजरायली सेना द्वारा संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनआईएफआईएल) पर हमले अस्वीकार्य हैं।
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के तहत लेबनान में ब्लू लाइन पर भारत के भी 900 सैनिक तैनात हैं। बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान में इन सैनिकों को युद्ध क्षेत्र से वापस बुलाने की अपील की है।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने नेतन्याहू से फोन पर बात की और उनसे लेबनान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 को पूरी तरह लागू करने की मांग की। उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री से इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र में संघर्ष को आपातकालीन आधार पर रोकने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के तहत लेबनान में ब्लू लाइन पर भारत के भी 900 सैनिक तैनात हैं। पिछले दिन भारत ने यूनिफिल में सैनिक भेजने वाले 34 देशों के बयान का समर्थन करते हुए शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात कही गई थी।
इस बीच दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने की खबरे हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) के सैनिकों को युद्ध क्षेत्र से वापस बुलाने की अपील की है।
नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को संबोधित करते हुए एक वीडियो संदेश में कहा है कि अब समय आ गया है कि आप यूनिफिल को हिजबुल्लाह के गढ़ों और युद्ध क्षेत्रों से वापस बुला लें।
गौरतलब है कि इज़रायल द्वारा लेबनान की राजधानी बेरूत में संयुक्त राष्ट्र बल को निशाना बनाये जाने के परिणामस्वरूप 13 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांति सेना कर्मी घायल हो गए।
बताते चलें कि इटली संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य योगदानकर्ताओं में से एक है। इस मिशन को यूनिफिल (United Nations Interim Force in Lebanon) के नाम से जाना जाता है।
शांति सैनिकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन ने कहा कि भारत 34 यूनिफिल देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान के साथ पूरी तरह सहमत है। साथ ही इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मौजूदा प्रस्तावों के अनुसार सुनिश्चित जाने की बात भी भारत ने कही है।