रोम में छह दशक पहले एक इतालवी बंगले के तहखाने में एक कबाड़ के व्यापारी द्वारा खोजी गई पाब्लो पिकासो की मूल पेंटिंग की कीमत लाखों डॉलर तय हुई है।
कला विशेषज्ञ और स्विट्जरलैंड स्थित गैर-लाभकारी कला संगठन अर्काडिया फाउंडेशन के मानद अध्यक्ष लुका जेंटेल मार्सांटे ने कहा कि- ‘माना जाता है कि यह पेंटिंग फ्रांसीसी फोटोग्राफर और कवि डोरा मार्र की एक विकृत छवि है।’
लुइगी लो रोसो अपने दिन खाली पड़े घरों और लैंडफिल में खज़ाने की तलाश में बिताते थे, ताकि उन्हें इटली के पोम्पेई में अपने परिवार की पॉन शॉप (pawn shop) में बेचा जा सके।
कलाकृति के ऊपरी बाएं कोने में लिखा “पिकासो” हस्ताक्षर इसे महत्वपूर्ण बनता है। इस पेंटिंग की कीमत लगभग 6 मिलियन यूरो आंकी गई है।
1962 में उन्हें पास के कैपरी द्वीप पर स्थित विला के तहखाने में एक लुढ़का हुआ कैनवास मिला, जिस पर एक महिला की विषम पेंटिंग बनी हुई थी।
कैनवास पर तेल चित्रकला में पिकासो की विषम (Asymmetrical) शैली को दर्शाया गया है, जिसमें एक महिला नीले रंग की पोशाक और लाल लिपस्टिक में है।
लो रोसो के बेटे एंड्रिया लो रोसो ने मंगलवार को सीएनएन को बताया कि महज 24 साल की उम्र में उन्हें यह समझ में नहीं आया कि कलाकृति के ऊपरी बाएं कोने में केवल “पिकासो” लिखा हुआ हस्ताक्षर कोई मायने रखता है।
बड़े लो रोसो ने इसे एक सस्ते फ्रेम में चिपकाया और अपनी पत्नी को दे दिया। उनकी 2021 में मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे ने बताया कि यह बात उन्हें बहुत नागवार गुजरी।
एक कला विशेषज्ञ मार्सांटे ने सीएनएन को बताया कि उनका मानना है कि पेंटिंग प्रामाणिक है। इस पेंटिंग की कीमत लगभग 6 मिलियन यूरो आंकी गई है। भारतीय करेंसी में इसकी क़ीमत 55 करोड़ से ज़्यादा होगी।
इसके अलावा अगर पेरिस में पिकासो फाउंडेशन द्वारा इसका सत्यापन कर दिया जाता है तो यह और भी अधिक मूल्यवान हो जाएगी।