प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यूक्रेन दौरा पूरा हो चुका है। मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने 1991 में यूक्रेन की आजादी के बाद वहां का दौरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता भी दिया।
यूक्रेन यात्रा में कई बैठकों में शरीक होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- ‘यूक्रेन की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। मैं भारत-यूक्रेन मित्रता को और गहरा करने के उद्देश्य से इस महान देश में आया हूं। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मेरी सार्थक बातचीत हुई। भारत का दृढ़ विश्वास है कि शांति हमेशा बनी रहनी चाहिए। मैं यूक्रेन की सरकार और लोगों को उनके आतिथ्य के लिए धन्यवाद देता हूं।’
ग्लोबल मीडिया प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की मुलाकात को एक पॉजिटिव कदम बता रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के यूक्रेन दौरे ने अंतरराष्ट्रीय और यूक्रेनी मीडिया में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। इससे पहले 9 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी रूस के दौरे पर थे और यही कारण है कि रूस के मीडिया ने उनकी इस यात्रा को ख़ास कवरेज दी है।
अपनी यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से कहा कि जंग को लेकर भारत पहले दिन से शांति के पक्ष में रहा है। उन्होंने आगे कहा- “हम बुद्ध की धरती से आए हैं, जहां युद्ध का कोई स्थान नहीं है। हम महात्मा गांधी की धरती से आते हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है।”
भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा पर अपने बयान में कहा- ‘स्पष्ट रूप से एक जटिल मुद्दा’ था। भारत का मानना है कि अगर शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाना है, तो रूस को इसमें शामिल होना चाहिए।”