लंदन: एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन एवोकाडो यानी नाशपाती की एक प्रजाति की खेती के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
सुपरफूड के रूप में जाना जाने वाला यह फल अपने विकास के दौरान बहुत अधिक पानी की खपत करने के लिए भी जाना जाता है। लेकिन गर्म और शुष्क दुनिया में, जलवायु परिवर्तन विशेष रूप से इस फल को प्रभावित कर रहा है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जमीन सूखने के कारण 2050 तक इस नाशपाती की पैदावार का इलाक़ा 14 से 41 प्रतिशत कम हो जाएगा।
लंदन की एक स्थानीय चैरिटी क्रिश्चियन एड द्वारा प्रस्तुत इस नई रिपोर्ट में संगठन की ग्लोबल एडवोकेसी प्रमुख मारियाना पॉली का कहना है कि दुनिया भर में इस नाशपाती की लोकप्रियता कोई हैरानी की बात नहीं। यह फल एक सुपरफूड हो सकता है लेकिन जलवायु परिवर्तन इसकी कमजोरी है।
उनका कहना था कि ये प्यासे पौधे होते हैं और गर्म एवं शुष्क भूमि इनके लिए उपयुक्त नहीं है। ऐसे में अगर अमीर देशों ने जीवाश्म ईंधन और कार्बन उत्सर्जन का उपयोग कम नहीं किया तो दुनिया इन हालात का सामना करने को मजबूर होगी जहाँ क्लाइमेट चेंज के कारण ये फल धरतीवासियों की पहुँच से दूर होता जाएगा।
New report reveals how avocados are in trouble from climate impacts. https://t.co/fbEEeccW1W
— James Murray (@James_BG) May 13, 2024
इस बदलती जलवायु के कारण जहाँ हमारे कुछ सर्वोत्तम एवोकैडो उत्पादक क्षेत्र सिकुड़ रहे हैं वहीँ यह भी याद रखना चाहिए कि दुनिया भर में कई लोग आवश्यक पोषण के लिए इस उच्च फाइबर, विटामिन युक्त फल पर निर्भर हैं।
उच्च फाइबर और अच्छे वसा के कारण एवोकैडो दुनिया भर में लोकप्रिय हैं। इन खूबियों के कारण इसे एक सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। लेकिन उत्सर्जन में कटौती के लिए सरकारों की ओर से कार्रवाई के बिना इन्हे अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है।