वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में कुबूला है कि उसकी निर्मित कोविड वैक्सीन से टीटीएस जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट संभव हैं।
टीटीएस यानी थ्रोम्बोसइटोपेनिया सिंड्रोम में खून का थक्का जमने के कारण व्यक्ति को स्ट्रोक या हार्ट की समस्या जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
ब्रिटेन हाईकोर्ट में प्रस्तुत दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने साइड इफेक्ट्स की बात को स्वीकार की है मगर वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स से होने वाली बीमारियों के दावों का विरोध भी किया है।
भारत में महामारी के समय ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की इसी वैक्सीन को बड़े पैमाने पर कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था।
एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा: ब्रिटिश कंपनी ने कोर्ट में माना; भारत में इसी फॉर्मूले से बनी कोवीशील्ड के 175 करोड़ डोज लगे#AstraZeneca #CovidVaccines #Covishield https://t.co/4YgIHpz2vr pic.twitter.com/yesZ7Vnj4m
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) April 30, 2024
भारत की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कंपनी ने एस्ट्राजेनेका से प्राप्त लाइसेंस के तहत इस वैक्सीन का देश में उत्पादन किया था।
इस वैक्सीन का उत्पादन केवल भारत में ही नहीं किया गया बल्कि दुनिया के कई देशों में इसका निर्यात किया गया था। इस वैक्सीन को कई देशों में वैक्सजेवरिया ब्रांड नाम से भी बेचा गया था।
गौरतलब है कि जेमी स्कॉट ने यह मुक़दमा उस समय दायर किया था जब एस्ट्राजेनेका टीके को लेने के बाद उन्हें ब्रेन डैमेज की समस्या का सामना करना पड़ा था। इसके आलावा भी कई परिवारों ने कोर्ट में इस टीके के साइड इफेक्ट की शिकायत की थी। इन शिकायतकर्ताओं ने कोर्ट का रुख करने के साथ कंपनी से शारीरिक क्षतिपूर्ति की मांग भी की है।
गौरतलब है कि ब्रिटेन ने इस वैक्सीन पर अब सुरक्षा कारणों से प्रतिबन्ध लगा दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी द्वारा इस बात को क़ुबूल किये जाने के बाद अब मुआवजा मांगने वालों की संख्या में भी इज़ाफ़ा हो सकता है।