गर्मी की शुरुआत के साथ ही वैश्विक स्तर पर इसके रिकॉर्ड भी बनने शुरू हो गए हैं। यूरोपीय संघ की जलवायु परिवर्तन निगरानी सेवा के मुताबिक़ बीते दस महीनों में गर्मी ने वैश्विक स्तर पर नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
हर महीने बनने वाले तापमान के रिकॉर्ड के बीच इस बार के मार्च को दुनिया ने सबसे गर्म महीना माना है। यूरोपियन यूनियन की कोपरनिकस क्लीमेंट चेंज सर्विस के मुताबिक़, मार्च के साथ समाप्त होने वाले बारह महीने भी सबसे गर्म दर्ज किए गए हैं।
दुनिया भर के देश हर दिन इस प्रकार की अनियमित जलवायु घटनाएं देखने को मजबूर हैं। ग्लोबल वार्मिंग में होने वाली बढ़ोतरी के चलते अब खतरा और भी ज़्यादा बढ़ने लगा है।
वैश्विक औसत तापमान की बात करें तो अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक ये 1850-1900 पूर्व-औद्योगिक अवधि में औसत से 1.58 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज के मुताबिक़, पिछले 10 माह ने गर्मी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है। मार्च के साथ समाप्त होने वाले 12 महीने सबसे गर्म दर्ज किए गए हैं।
March 2024 was the hottest March on record. 🚨
It was also the 10th consecutive month of record-breaking temperatures.
Scientists warn: if we don't see a temp drop by year-end, #ClimateChange could move into uncharted territory.
The time to act is NOW. https://t.co/FWDKwTf622
— WWF UK (@wwf_uk) April 9, 2024
कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज के उप निदेशक समान्था बर्गेस मानते है कि यह रिकॉर्ड सामान्य नहीं हैं। साथ ही वह इन पर चिंता व्यक्त करते हैं। इस तरह के रिकॉर्ड को समान्था बर्गेस तेज़ी से बदलती जलवायु के चलते बहुत अधिक चिंता की बात बताते हैं।
इस वर्ष चरम मौसम और असाधारण तापमान पर समान्था बर्गेस का कहना है कि 1940 से लेकर अबतक के आंकड़ों की जांच से पता चलता है कि इतने वर्षों में इस साल का मार्च सबसे गर्म था। जबकि वैश्विक स्तर पर 1850 के बाद से 2023 सबसे गर्म साल था।
कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के मुताबिक़ तेजी से बढ़ती गर्मी का कारण मानव-जनित ग्रीनहाउस गैस हैं। अमेजन के जगल में बारिश की कमी से होने वाला सूखा भी प्रमुख कारणों में है। इसके अलावा वेनेजुएला के जंगल में जनवरी-मार्च के दौरान लगी आग ने भी इस रिकॉर्ड को तोड़ने में मदद की है। तापमान को बढ़ाने का श्रेय अल नीनो को भी जाता है। दिसंबर-जनवरी में चरम पर रहने वाला अल नीनो अब कमजोर हो रहा है। इस सबके परिणाम स्वरुप इस मार्च के साथ समाप्त होने वाले 12 महीने सबसे गर्म बन गए हैं।