पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ के गठजोड़ के साथ ही अब पकिस्तान में नयी सरकार का रास्ता साफ होता नज़र आ रहा है। बिलावल भुट्टो और नवाज़ शरीफ की पार्टियों के इस समर्थन की जानकारी एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए सामने आई है। इस समझौते के साथ शहबाज़ शरीफ़ दूसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।
सेट होते इन नए समीकरणों के साथ शहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री की पोस्ट संभालेंगे जबकि ज़रदारी राष्ट्रपति के पद पर बैठेंगे। इन दोनों प्रमुख पार्टियों की तरफ से नई सरकार के गठन के लिए समझौते का औपचारिक एलान कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ तथा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों की सीटों की संख्या इन दोनों ही पार्टियों से ज़्यादा थीं।
तहरीक-ए-इंसाफ़ यानी पीटीआई ने इस नए गठबंधन को ‘जनमत के लुटेरे’ क़रार दिया है। इमरान खान की पार्टी का आरोप है कि उन्हें सत्ता से बेदखल रखने के लिए चुनावों में धांधली की गई है और जनमत को छीन लिया गया है।
बताते चलें कि दोनों ही दलों पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच शुरुआती सहमति बनने के छह दिन बाद, एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से इस समझौते की जानकारी दी गई है।
Pakistan Election : पाकिस्तान में बनेगी नवाज-बिलावल की गठबंधन सरकार!
शहबाज शरीफ होंगे प्रधानमंत्री, आसिफ जरदारी बनेंगे राष्ट्रपति#PakistanElections2024 #ShehbazSharif #BilawalBhuttoZardari #ImranKhanPTI pic.twitter.com/uYz4dtJzpq
— TheRitamApp | द ऋतम् एप (@TheRitamApp) February 21, 2024
इस गठजोड़ पर पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ़ का कहना है कि आर्थिक और अन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए साझा प्रयास किए जाएंगे। वहीँ इस पर पीपीपी चेयरमैन बिलावल भुट्टो ज़रदारी का कहना है कि गठबंधन का मक़सद देश के आर्थिक संकट को हल करना है।
इस नए गठबंधन के प्रतिनिधि के रूप में पीपीपी के आसिफ़ अली ज़रदारी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। बताते चलें कि वह पहले भी देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। अभी विभागों से जुड़े पदों को दिए जाने संबंधी जानकारी नहीं मिली है। न ही यह पता चल सका है कि सरकार में मुख्य पद पर किस पार्टी का मंत्री बैठेगा।
साल 2022 में इन दोनों दलों के एकसाथ आने के बाद बड़े नाटकीय हालात में मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।इमरान खान को जनवरी 2024 में सरकारी गोपनीय जानकारियां लीक करने के आरोप में 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी। हालाँकि इमरान खान का कहना है कि उनपर लगाए गए आरोप निराधार हैं।