ज्यूरिख: शोधकर्ताओं ने 2,000 साल पुराने शिलालेख पर लिखे एक छिपे हुए संदेश का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया है।
चारकोल के टुकड़े की तरह दिखने वाले शिलालेख को डिजिटल रूप से स्कैन करने के बाद, शोधकर्ताओं ने अक्षर चिह्नों और बनावट की आभासी परत को प्रकट करने के लिए 3डी मैपिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों का उपयोग किया।
यह कृति एक दार्शनिक फिलोडेमस द्वारा लिखी गई थी, जिसमें उन्होंने इंसान के आराम पर कुपोषण के प्रभावों पर अपने विचार व्यक्त किए थे।
Nearly 2000 years ago, the eruption of Mount Vesuvius buried a trove of papyrus scrolls. Now a portion of the damaged documents have been deciphered, revealing an ancient Greek philosopher's thoughts on pleasure https://t.co/itnoslG0W3
— New Scientist (@newscientist) February 9, 2024
यह सफलता का श्रेय जिन तीन शोधकर्ताओं को जाता है उनके नाम है- फ़्रेई विश्वविद्यालय के यूसुफ नादर, नेब्रास्का-लिंकन विश्वविद्यालय के ल्यूक फेरर और ज्यूरिख में स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के जूलियन श्लेगर। इन तीनों ने टीम के रूप में इस काम में सफलता हासिल की है।
ये टुकड़े 18वीं सदी में एक रोमन विला में पाए गए थे, जो एक किसान को हरकुलेनियम के प्राचीन स्थल पर कुआं खोदते समय मिले थे। अब टीम को उम्मीद है कि यह तकनीक और अधिक उपयोगी साबित होगी। दरअसल टीम का मानना है कि इस तकनीक के उपयोग के साथ अब इन तहरीरों को पढ़ा भी जा सकेगा।
गौरतलब है कि ज्वालामुखी के मलबे के जलने के कारण बड़ी संख्या में ऐसे दस्तावेज़ बेहद नाजुक लेकिन सुरक्षित स्थिति में थे। इससे पहले इन मौजूद शिलालेखों को पढ़ने के प्रयासों के दौरान काफी सामग्री ख़राब हो गई थी, इसके बावजूद करीब 600 से अधिक शिलालेख बाक़ी रह गए थे।