ब्रिस्टल: एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, सेप्सिस के कारण हर साल सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है।
सेप्सिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें जिस्म किसी इन्फेक्शन से लड़ते समय अति सक्रिय हो जाता है, जिससे खतरनाक रूप से ब्लड प्रेशर गिरने के नतीजे में अंग निष्क्रिय हो जाते हैं। जानकारों के मुताबिक़ यूरोप के अलावा एशियाई बच्चों सहित दुनियाभर में भी यही समस्या आम है।
नेशनल चाइल्ड मोर्टेलिटी केअनुसार, पिछले तीन वर्षों में ब्रिटेन में छह में से एक बच्चे की इन्फेक्शन से मृत्यु हो गई है। संक्रमण के कारण हुई 1507 मौतों में से लगभग आधी में सेप्सिस की सूचना मिली थी।
Breakthrough in sepsis treatment as new blood test can rapidly identify the 'silent killer' https://t.co/KSBU4P4w8h pic.twitter.com/Gbaq91SJX7
— Daily Mail Online (@MailOnline) December 17, 2023
इन परिस्थितियों में विशेषज्ञ इस बात की भी संभावना जताते हैं कि ज्यादातर मौतें ऐसी स्थिति के कारण होती हैं, जिसका आमतौर पर सही निदान नहीं किया जाता है।
रिपोर्ट एक और तथ्य का खुलासा करती है। इससे मिली जानकारी के अनुसार, गरीब पृष्ठभूमि के बच्चों की मृत्यु की संभावना संपन्न पृष्ठभूमि के बच्चों की तुलना में दोगुनी थी। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरों में मौतें अधिक हुईं।
यदि समस्या का शीघ्र निदान हो जाए तो एंटीबायोटिक्स, इंफेक्शन को ठीक कर सकते हैं। लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो डॉक्टर इस इंफेक्शन को जल्दी काबू नहीं कर पाते हैं और ये फैल जाता है।
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अनुसार जो बच्चे इस समस्या से पीड़ित थे और उनकी बीमारी की जानकारी नहीं मिल सकी थी उनके मरने की संभावना भी अधिक थी। एक्सपर्ट का कहना है कि यूरोप के अलावा एशियाई बच्चों के लिए भी यही निष्कर्ष निकलता है।