सरकार के एजेंडे में आठवें वेतन आयोग गठन सम्बन्धी कोई योजना न होने की बात ने लाखों केंद्रीय एवं राज्य कर्मियों सहित पेंशनर्स को करारा झटका दिया है।
केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के इस बयान से 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों जबकि 67.95 लाख पेंशनभोगियों की वेतन, पेंशन तथा भत्ते में बढ़ोतरी की उम्मीद टूट जाने से इन लोगों में आक्रोश है।
राज्य सरकारकर्मियों सहित केंद्रीय कर्मचारियों एवं सशस्त्र बलों के लिए आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जनवरी 2026 से लागू किया जाना प्रस्तावित है। पिछला वेतन आयोग 2013 में गठित हुआ था, जबकि इसकी सिफारिशें 2016 में लागू की गई थीं।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की 28-30 दिसंबर को कोलकाता में होने वाली नेशनल काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ अन्य कर्मचारी संगठनों को साथ लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन का एलान होगा। नेशनल काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों से तकरीबन 600 डेलीगेट्स के सम्मिलित होने की उम्मीद है।
8th Pay Commission: OPS के बाद 8वें वेतन आयोग के गठन पर आंदोलन का एलान; आक्रोश में दो करोड़ कर्मचारी-पेंशनर्स#8thPayCommission https://t.co/weTSAMhYh8
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) December 7, 2023
केंद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन द्वारा ये कहे जाने पर कि सरकार द्वारा आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं है, केंद्र एवं राज्यों के लाखों सरकारी कर्मचारी सड़कों पर उतरने की बात कर रहे हैं।
गौरतलब है कि राज्य कर्मियों सहित केंद्रीय कर्मचारियों, सशस्त्र बलों के कर्मचारियों पर आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को जनवरी 2026 से लागू किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे में आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाना आवश्यक हो गया है।
केंद्र सरकार द्वारा आठवां वेतन आयोग गठित न करने के फैसले को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उनका कहना है कि सरकार के फैसले के विरोध में आंदोलन किया जाएगा।
आठवें वेतन आयोग के गठन के लिए केंद्र एवं राज्यों के लाखों सरकारी कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे। केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोलकाता में महासंघ की 28-30 दिसंबर को होने वाली नेशनल काउंसिल की बैठक में कर्मचारी संगठनों के साथ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का एलान किया जाएगा।
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श को पूरा किये जाने के साथ ही अपनी रिपोर्ट शीघ्र ही दाखिल करने की बात कह रहे हैं। इसके जवाब में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा का कहना है कि कर्मचारियों को एनपीएस में कोई भी संशोधन मंजूर नहीं है।
आगे वह कहते हैं कि कर्मचारियों को पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है। इसमें पुरानी पेंशन बहाली, आठवें वेतन आयोग का गठन, 18 महीने के बकाया डीए डीआर का भुगतान, ठेका संविदा कर्मियों की रेगुलराइजेशन, निजीकरण पर रोक, खाली पदों को पक्की भर्ती से भरने, ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों की सुरक्षा, एनईपी को रद्द करने, एक्स ग्रेसिया रोजगार स्कीम में लगाई गई शर्तों को हटाने, पेंशनर्स की 65, 70, 75 व 80 साल की उम्र में बेसिक पेंशन में 5 प्रतिशत बढ़ोतरी करने आदि मांगों का समाधान जब तक नहीं होगा, कर्मियों का आंदोलन जारी रहेगा।