नैरोबी: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक तापमान प्री इंडस्ट्रियल (1900-1850) के स्तर से 2 डिग्री सेल्सियस ऊपर वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की दर को 28 प्रतिशत कम करना होगा।
संयुक्त राष्ट्र उत्सर्जन अंतर रिपोर्ट 2023: ब्रोकन रिकॉर्ड में बताया गया था कि 2015 में पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से हालात बेहतर हुए हैं।
पेरिस समझौते के समय, 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 16 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। आज की स्थिति के अनुसार 2030 तक इस उत्सर्जन में तीन प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
#ClimateAction: “In short, the report shows that the emissions gap is more like an emissions canyon”- UN chief @antonioguterres on the 2023 edition of the Emissions Gap Report pic.twitter.com/qryqnYzlQT
— UN News (@UN_News_Centre) November 20, 2023
हालाँकि, उत्सर्जन की यह मात्रा ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लक्ष्य से अधिक ही रहेगी। संयुक्त राष्ट्र की अंडर सेक्रेटरी जनरल तथा संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण प्रोग्राम एक्सिक्यूटिव इंगर एंडरसन का कहना है मानवता पर्यावरण के हवाले से तमाम बुरे रिकॉर्ड टूट रहे हैं।
उन्होंने कहा, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और वैश्विक औसत तापमान नई ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं, जबकि चरम मौसम की घटनाएं लगातार, तेज और अधिक तीव्र होती जा रही हैं।
उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए एक बड़े और तत्काल परिवर्तन का आह्वान करते हुए कहा कि कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था में परिवर्तन तेज करना होगा, जिसमे ध्यान का केंद्र ऊर्जा को करना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते में वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तर से 2 डिग्री सेल्सियस ऊपर रखने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की दर में 28 प्रतिशत की कमी की जानी चाहिए।
2030 तक जलवायु परिवर्तन की प्रतिबद्धताएं ग्लोबल वार्मिंग को इस सदी के पूर्व-औद्योगिक स्तर से 2.5 से 2.9 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में मदद करेंगी।