नई दिल्ली। अगस्त में मॉनसून उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। माह के दूसरे पखवाड़े में कमजोर मॉनसून के चलते बारिश सामान्य से भी 8.5 फीसदी कम हुई। सबसे खराब प्रदर्शन दक्षिण और उत्तर-पूर्व में देखा गया। इससे पूरे सीजन की बारिश प्रभावित हुई है। इससे मौसम विभाग के ‘औसत से ऊपर’ बारिश के पूर्वानुमान को भी झटका लगा है। केरल को छोड़कर शेष दक्षिण भारत में बारिश सामान्य करीब 40 फीसदी कम हुई।
बहरहाल राहत की बात यह है कि जुलाई और अगस्त के शुरुआती दौर में अच्छी बारिश होने से एग्रीकल्चर प्रोडक्शन पर असर नहीं पड़ेगा। पिछले हफ्ते तक आए आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल पांच फीसदी ज्यादा जमीन पर खरीफ की फसलों की बुआई हुई है।
भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों ने अगस्त के दूसरे पखवाड़े में खराब रहे मॉनसून के पीछे कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया। उनके मुताबिक भारत के पूर्वी हिस्सों में समुद्री जल का तापमान उच्च होना और अबर सागर के जल का तापमान निम्न होना भारत के लिए अच्छी स्थिति नहीं मानी जाती है।