आज विश्व ओज़ोन दिवस है। वायुमंडल में ओजोन की परत को बचाने और जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 16 सितंबर को ‘वर्ल्ड ओज़ोन डे’ मनाया जाता है।
इस वर्ष विश्व ओज़ोन दिवस की थीम है- ‘ओज़ोन परत की मरम्मत और जलवायु परिवर्तन को कम करने पर जोर दिया जाएगा।’
पृथ्वी की सतह से करीब 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ओज़ोन लेयर की एक परत पाई जाती है। यह परत सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों को सोखकर पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों को संरक्षण देती है।
विश्व ओज़ोन दिवस के लिए हर वर्ष एक खास थीम तय की जाती है। इस वर्ष विश्व ओज़ोन दिवस की थीम है- ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: फिक्सिंग द ओजोन लेयर एंड रिड्यूसिंग द क्लाइमेट चेंज’ यानी ओज़ोन परत की मरम्मत और जलवायु परिवर्तन को कम करने पर जोर दिया जाएगा।
ओज़ोन को सुरक्षा छतरी भी कहते है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 19 दिसंबर 1964 को ओज़ोन परत को बचाने के लिए 16 सितंबर को इंटरनेशनल ओज़ोन डे मनाने का एलान किया था। संयुक्त राष्ट्र सहित 45 अन्य देशों ने 16 सितंबर 1987 को ओज़ोन लेयर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे।
वायुमंडल के ऊपरी परत समतापमण्डल में पाई जाने वाली ओज़ोन, समुद्र-तट से 30 से 32 किलोमीटर की ऊँचाई पर सबसे अधिक सान्द्र होती है। तीखी गंध वाली ये गैस अत्यन्त विषैली होती है।
पृथ्वी पर जीवन के लिए ओज़ोन परत बहुत जरूरी है। सूर्य से आने वाली अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन को अगर ओज़ोन की ये परत सोख न ले तो मनुष्य के साथ पेड़-पौधों और जानवरों के लिए भी यह बेहद हानिकारक हो सकती है।
#OnThisDay in 1987, the Montreal Protocol was signed to save the ozone layer.
The ozone layer is crucial to all life on Earth. Concentrated in the stratosphere—15 to 35 km above the surface—it protects us from the Sun's harmful UV radiation.#WorldOzoneDay2023 #montreal #WWFIndia pic.twitter.com/L113ObYHOj— WWF-India (@WWFINDIA) September 16, 2023
विश्व ओज़ोन दिवस का उद्देश्य ओज़ोन परत को बचाना है। प्रत्येक वर्ष ओज़ोन दिवस पर लोगों को क्लोरोफ्लोरोकार्बन, प्लास्टिक और सभी हानिकारक पदार्थों के इस्तेमाल को कम करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा ज्यादा पेड़ लगाने पर भी ज़ोर दिया जाता है। परिवहन के निजी साधनों का उपयोग करने से बचकर भी हम इसमें सहयोग कर सकते हैं।
हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले एसी और फ्रिज से जो गैस निकलती है, उससे ओज़ोन परत को नुकसान पहुंचता है। पेड़ पौधों को काटने से भी ओज़ोन लेयर के लिए खतरा बढ़ता है।
ओज़ोन लेयर का संतुलन बिगड़ने से जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिलता है। जलवायु परिवर्तन से धरती का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है जो बाढ़, सूखा और लैंड स्लाइड के रूप में मानव जाति के लिए हर दिन खतरा पैदा कर रहा है। गंभीर संकट से निपटने के लिए दुनियाभर में ओज़ोन लेयर के संरक्षण को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।