लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ साल में लगातार दंगे बढ़े हैं। इस मामले में पश्चिम उत्तर प्रदेश नंबर वन है। राज्य के 7 शहरों से कलेक्ट किए गए डेटा के अनुसार एक बार फिर आगरा दंगों के मामले में पहले पायदान पर है। लखनऊ दूसरे और मेरठ तीसरे स्थान पर है।
नेशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेटा के अनुसार 2015 में आगरा में दंगे के 219 केस दर्ज हुए। प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 12.5 की दर से लोग प्रभावित हुए। आगरा और लखनऊ में हुए दंगों का अंतर बहुत ज्यादा है। लखनऊ में जहां 113 दंगे की रिपोर्ट दर्ज की गई और दंगे की दर 3.9 रही और 172 लोग दंगे का शिकार हुए।
2014 के आंकड़े के अनुसार दंगे के मामले में मेरठ दूसरे नंबर था, जो 2015 में तीसरे नंबर पर चला गया। 7.9 की दर से यहां दंगे के 112 केस दर्ज हुए। इंडस्ट्रियल कैपिटल कानपुर चौथे नंबर पर है। यहां दंगे के 96 केस दर्ज हुए, लेकिन दंगे की दर 3.3 रही। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दंगे के 29 केस दर्ज किए गए। वाराणसी सात शहरों में यह सबसे निचले पायदान पर है। यहां दंगे की दर 2.0 रही जो कि गाजियाबाद से ज्यादा है। हालांकि गाजियाबाद में दंगे के 30 मामले दर्ज किए गए। देश में 65,255 दंगे हुए जिनमें से उत्तर प्रदेश में 6,813 दंगे हुए। बिहार में 13,313 और महाराष्ट्र में 8,336 दंगे हुए।
ये हैं आंकड़े
-1 नंबर पर आगरा
-2 नंबर पर लखनऊ
-3 नंबर पर मेरठ
-4 नंबर पर कानपुर
दंगे के मामले
-जमीन के लिए 51
-छात्रों के दंगे में 47
-सांप्रदायिक दंगे में 14
-जातिगत दंगे में 12