एशिया का सबसे बड़ा स्लम यानी झोपड़पट्टी धारावी देश की वित्तीय राजधानी मुंबई के बीचोबीच स्थित है। अब इस स्लैम के पुनर्विकास का रास्ता साफ़ हो गया है। धारावी के पुनर्विकास की ज़िम्मेदारी अडानी प्रॉपर्टीज़ ने उठाई है।
धारावी में शिक्षा का स्तर और साफ-सफाई की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए अदाणी इंफ्रा इस पर काम करेगी। महाराष्ट्र सरकार ने अडानी प्रॉपर्टीज़ को इस काम की अंतिम मंजूरी दे दी है। धारावी स्लम के पुनर्विकास के लिए कंपनियों ने बोलियां लगाईं थी। इनमे Adani Realty, DLF और Naman Group का नाम है।
धारावी स्लम एरिया को पुनः विकसित करने के पिछले वर्ष नवंबर में अदाणी ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट के लिए लगाईं गई बोली पर जीत हासिल की थी।
इस प्रोजेक्ट के लिए अदाणी ग्रुप ने 5069 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। धारावी में बेहद गंदगी के अलावा शिक्षा का स्तर भी बहुत खराब है। अब अदाणी इंफ्रा इस जगह को संवारने के साथ यहाँ के शिक्षा के स्तर में भी सुधार लाने का काम करेगी।
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— Moneycontrol Hindi (@MoneycontrolH) July 15, 2023
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने अक्टूबर 2022 में इस सम्बन्ध में नए टेंडर जारी किए थे। करीब 240 हेक्टेयर में फैले धारावी के पुनर्विकास के लिए योजना दो दशक पहले बनाई गई थी, मगर इसमें कई मुश्किलें आ रही थीं।
प्रोजेक्ट को पूरा करने में तकरीबन 23000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। ये एक सरकारी एजेंसी द्वारा ग्लोबल टेंडरिंग के माध्यम से सबसे बड़े पुनर्विकास कार्यों में से एक होगा।
धारावी का इतिहास देखने तो इसे अंग्रेजों के समय बसाया गया था। इस समय धारावी स्लम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और जबकि एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी वाली बस्ती है।
एक अनुमान के मुताबिक़ इस बस्ती के एक किलोमीटर के क्षेत्र में दो लाख से अधिक लोग रहते हैं। यहाँ की जनसँख्या के सही आंकड़े नहीं मिल सके हैं मगर एक अनुमान के मुताबिक इस स्लम में 6 से 10 लाख लोग रहते हैं। जिन गलियों में ये मकान बने हैं वह इतनी सकरी हैं कि एक साथ दो लोग यहाँ से नहीं गुज़र सकते। करीब 550 एकड़ में फैली इस आबादी को दूर से देखने पर जमीन नहीं दिखाई देती है।