खबर है कि कर्नाटक की नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार राज्य के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर लगे बैन को हटा सकती है। इस सम्बन्ध में सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे ने बड़ी खास संकेत देते हुए कहा है कि आदेश की समीक्षा की जाएगी।
इसके साथ ही हिजाब बैन का मामला एक बार फिर से सुर्ख़ियों में आता नज़र आ रहा है और इसका प्रभाव पूरे राष्ट्र पर साफ नज़र आने के संकेत भी हैं। इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व की भाजपा सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन के फैसले को सही ठहराया था। ऐसे में अगर कांग्रेस सरकार बैन को हटाने का फैसला करती है तो इसे लेकर फिर से राजनीति में फिर से हलचल के आसार हैं।
कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब बैन के फैसले को वापस लेगी कांग्रेस सरकारhttps://t.co/9IejZsTnp6
— Samir Abbas 🇮🇳 (@TheSamirAbbas) May 24, 2023
बताते चलें कि एमनेस्टी इंडिया ने कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने पर भाजपा सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों में लगाए हिजाब बैन को हटाने की मांग की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कर्नाटक सरकार के मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे का एमनेस्टी इंडिया की मांग पर कहना है कि हम इसे लेकर बिल्कुल साफ हैं कि ऐसे हर आदेश और बिल की समीक्षा की जाएगी जो कर्नाटक की आर्थिक नीतियों को प्रतिगामी बनाता हो। आगे उन्होंने कहा कि राज्य की छवि को धूमिल बनाने वाले बिल अथवा राज्य की आर्थिक नीतियों में उसका कोई इस्तेमाल को रोका जायेगा। इनमे किसी व्यक्ति के अधिकारों के हनन के साथ असंवैधानिक होने को महत्व दिया गया है। अपनी बात में उन्होंने ऐसे सभी मामलों की समीक्षा और जरूरत पड़ने पर उन्हें खारिज करने की बात कही।
विधानसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने पीएफआई के साथ ही बजरंग दल पर भी बैन लगाने की बात कही थी। आरएसएस पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो भी संगठन, फिर चाहे वो धार्मिक हो या फिर राजनीतिक और सामाजिक, वह समाज में नफरत फैलाने या समाज को बांटने की कोशिश करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ऐसे संगठनों से कानूनी और संवैधानिक तरीके से निपटने की बात भी कही। बजरंग दल और पीएफआई पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर कोई भी दल कानून व्यवस्था के लिए खतरा बनते हैं तो हम उन पर प्रतिबंध लगाने से नहीं हिचकेंगे।