विधानसभा चुनाव में पीठासीन अधिकारियों के ऑनलाइन प्रशिक्षण की मांग वाली ख़ारिज कर दी गई है। याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। दयालबाग शिक्षण संस्थान की याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की खंडपीठ ने दिया है।
कोर्ट ने गत दिवस प्रारंभिक सुनवाई पर सवाल उठाया था कि जिनका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर है, उनके प्रशिक्षण से घर लौटने पर परिवार को संक्रमण का खतरा है। ऐसे में क्या ऑनलाइन प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता?
24 व 25 जनवरी को प्रशिक्षण न ले पाने वाले लोगों के लिए 29 जनवरी को विशेष व्यवस्था के तहत प्रशिक्षण का इंतिज़ाम किया गया है। साथ ही यह भी बताया कि ईवीएम के बारे में प्रशिक्षण दिया जाना है, जो ऑनलाइन नहीं दिया जा सकता। व्यक्तिगत उपस्थित द्वारा ही ईवीएम की जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। इस पर कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
याचिका में स्पष्ट किया गया था कि 324 में से 194 लोगों को 24 व 25 जनवरी को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। इन 194 में कुछ लोग ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं, जिससे उन्हें कोरोना संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि ये संक्रमण लेकर घर वापस गए तो परिवार के हित में नहीं होगा। कहा गया कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन के खंड 40 में लिखा है कि चुनाव अधिकारियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा सकता है।