नई दिल्ली: देश में बेटी की शादी की कानूनी उम्र बढ़ाने को लेकर मोदी कैबिनेट द्वारा बड़ा फैसला लिया गया। फैसले के अनुसार बेटी की शादी की उम्र अब 21 साल करने की सरकार की तैयारी है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है। जिसे अब सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से इसका उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी उचित समय पर हो।
अब संसोधन होने के बाद बेटियों की शादी 21 साल से पहले
करने पर इसे अपराध माना जाएगा।
देश में इस समय कानून के मुताबिक पुरुषों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 और महिलाओं की 18 साल है। जिसमें अब सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट में संशोधन करेगी।
The proposal to raise the minimum age of marriage for women from 18 to 21 was approved by the Union Cabinet, a year after Prime Minister Narendra Modi said the plan was being reviewed.#pm #pmnarendramodi #marriage #minimumage #narendramodi #unioncabinetminister #thepapr pic.twitter.com/QTc4NWwAmY
— The Papr (@thepaprindia) December 16, 2021
नीति आयोग में जया जेटली की अध्यक्षता में बने टास्क फोर्स ने इसकी सिफारिश की थी। यानी बेटियों की शादी की उम्र में संसोधन होने के बाद उनकी शादी 21 साल से पहले करने पर कानून अपराध माना जाएगा।
इस टास्क फोर्स का गठन पिछले साल जून में किया गया था और पिछले साल दिसंबर में ही इसने अपनी रिपोर्ट दी थी। टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में कि पहले बच्चे को जन्म देते समय बेटियों की उम्र 21 साल होनी चाहिए। विवाह में देरी का परिवारों, महिलाओं, बच्चों और समाज के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।