नयी दिल्ली 19 जून : दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिहाड़ी कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन में वृद्धि की और कहा कि सभी अधिसूचित रोजगारों में अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रेणियों के संबंध में न्यूनतम मजदूरी की संशोधित दरें गत एक अप्रैल से लागू होंगी।
दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी अनुसूचित रोजगारों में अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अन्य श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ता एक अप्रैल-2021 से बढ़ा दिया गया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि ये कदम गरीब और मजदूर वर्ग के हित में उठाये गये हैं, जो मौजूदा महामारी के कारण आर्थिक रूप से पीड़ित हैं। इस आदेश से लिपिकीय और पर्यवेक्षी नौकरियों वालों को भी लाभ होगा।”
मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। महामारी के कारण समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है। दैनिक आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने आम जनता की परेशानी को बढ़ा दिया है। वेतन में इस बढ़ोतरी से मजदूर को कुछ राहत मिलेगी।
मनीष सिसोदिया ने कहा, “ हमें हालांकि कई खर्चों में कटौती करनी पड़ी है, लेकिन मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। महामारी के कारण समाज का हर वर्ग प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। तेल और दालों जैसी दैनिक आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों ने आम जनता की परेशानी को बढ़ा दिया है। मुझे उम्मीद है कि वेतन में इस बढ़ोतरी से हमारे मजदूर भाइयों को कुछ राहत मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली की न्यूनतम मजदूरी देश में किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। बयान के मुताबिक महंगाई भत्ते के तहत अकुशल मजदूरों का मासिक वेतन 15492 रुपये से बढ़ाकर 15908 रुपये कर दिया गया है। अर्धकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन 17069 रुपये से बढ़ाकर 17537 रुपये किया गया है। कुशल श्रमिकों के लिए मासिक वेतन 18797 रुपये से बढ़ाकर 19291 रुपये किया गया है।
इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों के पर्यवेक्षक और लिपिक संवर्ग के लिए न्यूनतम वेतन दरों में भी वृद्धि की गई है। गैर-मैट्रिक कर्मचारियों के लिए मासिक वेतन 17069 रुपये से बढ़ाकर 17537 रुपये और मैट्रिक के कर्मचारियों के लिए 18797 रुपये से बढ़ाकर 19291 रुपये कर दिया गया है। वहीं स्नातकों और उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले लोगों के लिए मासिक वेतन 20430 रुपये से बढ़ाकर 20976 रुपये कर दिया गया है।