फरीदाबाद: निकिता तोमर मर्डर केस का फैसला आ गया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीसरे आरोपी अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है।
आज से ठीक 5 महीने पहले 26 अक्टूबर 2020 को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में कॉलेज से लौट रही निकिता तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कोर्ट का फैसला आने से पहले निकिता तोमर की मां ने ज़ी मीडिया से बातचीत में कहा कि दोषियों को फांसी की सजा ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों को फांसी नहीं होती है तो ये फिर से अपराध करेंगे। इसलिए मौत की सजा ही होनी चाहिए।
पुलिस ने इस मामले में 11 दिन के भीतर ही चार्जशीट फाइल कर दी। पुलिस ने चार्जशीट में 64 लोगों को गवाह बनाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट होने की वजह से करीब हर रोज इस मामले की सुनवाई हुई। फरवरी महीने में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई। सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पुलिस ने 10 अन्य लोगों को गवाह बनाया।
फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में बीते साल 26 अक्टूबर को निकिता की हत्या सीसीटीवी में कैद हो गई थी। 27 अक्टूबर को पुलिस ने दो आरोपियों तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को गिरफ्तार किया था। इसके बाद तौसीफ के एक और दोस्त अजरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया। अजरुद्दीन पर देसी कट्टे का इंतजाम करने का आरोप था।
पुलिस ने इस मामले में 11 दिन के भीतर ही चार्जशीट फाइल कर दी। पुलिस ने चार्जशीट में 64 लोगों को गवाह बनाया। फास्ट ट्रैक कोर्ट होने की वजह से करीब हर रोज इस मामले की सुनवाई हुई। फरवरी महीने में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई। सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पुलिस ने 10 अन्य लोगों को गवाह बनाया।
केस में ट्रायल के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से 55 गवाहों की गवाही ली गई। इस बीच बचाव पक्ष ने भी 2 गवाह अदालत में पेश किए थे। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आज अपना फैससा सुना दिया। कोर्ट ने तौसीफ और रेहान को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा दी जबकि उसके दोस्त अजरुद्दीन को बरी कर दिया।