लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर हटाने की मांग के बाद अब मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से मुक्ति देने की बात की है।
आनंद स्वरूप के इस बयान पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अपने मजहब पर अमल करते हुए दूसरे के धर्म की इज्जत हर इंसान को करना चाहिए। परदा इस्लामी शरियत का एक अहम हिस्सा है।
राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा कि देश में तीन तलाक की तर्ज पर अब मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसको बढ़ावा दे रहे हैं।
राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने अपनी बात में कहा कि बुर्के पर कई मुस्लिम देशों में पाबंदी है। साथ ही यह अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा भी है। उन्होंने कहा कि देश में तीन तलाक की तर्ज पर अब मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसको बढ़ावा दे रहे हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के बयान पर कहा कि यूपी के मंत्री ने पहले अजान और फिर बुर्के पर सवाल खड़ा किया है जो कि गलत और बेबुनियाद एकदम है।
मौलाना खालिद रशीद ने आनंद स्वरूप शुक्ल को नसीहत देते हुए कहा कि किसी को भी यह हक नहीं है कि वह किसी के धर्म और रिवाज पर कोई बात कहे। हम इसकी सख्त निंदा करते है। उन्होंने कहा कि जहां तक परदे का सवाल है तो वह हमारे इस्लामी शरियत का एक अहम हिस्सा है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने-अपने मजहब पर अमल करते हुए दूसरे सभी के धर्मो की इज्जत और आदर करें।