नयी दिल्ली 22 जनवरी: भारतीय रेलवे ने उत्तर भारत में साढ़े 12 हजार से अधिक फॉग पास डिवाइस उपलब्ध करायीं हैं जिससे गाड़ियों के विलंब होने में खासी कमी आयी है और इस समय पर कोहरे के बीच पहली बार गाड़ियों की समयबद्धता 90 प्रतिशत से अधिक है जो एक रिकॉर्ड है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनीत शर्मा ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी। श्री शर्मा ने कहा कि कोविड काल में लॉक डाउन के बीच अनुरक्षण एवं क्षमता वृद्धि के रिकॉर्ड कार्यों की बदौलत मालगाड़ियों की औसत गति दोगुनी बढ़ कर करीब 46 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गयी है।
उन्होंने कहा कि प्रमुख मार्गों पर ट्रैक एवं सिगनल प्रणाली में अपेक्षित सुधार करके स्थायी गति अवरोधकों को हटाने और गति सीमा बढ़ाने के कारण क्षमता में सुधार हुआ है जिससे इस वर्ष गाड़ियों की समयबद्धता 95 प्रतिशत से अधिक हो गयी जबकि एक साल पहले यह 75 प्रतिशत के आसपास थी।
कोहरे में समयबद्धता के बारे में चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि 16 में से 14 ज़ोनों में 12742 फाॅग पास डिवाइस उपलब्ध करायीं गयीं हैं जिसे लोकोपायलट को अपने केबिन में अगले सिगनल की जानकारी मिल जाती है।
इस प्रकार से उसे अधिक गति से और सुरक्षा के साथ गाड़ी चलाने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम यह है कि जनवरी में उत्तर भारत में घने कोहरे के बावजूद गाड़ियों की समयबद्धता अब तक 90 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गयी है।
श्री शर्मा के अनुसार सबसे ज्यादा 2996 फॉग पास डिवाइस उत्तर रेलवे, दूसरे नंबर पर 1716 पूर्व मध्य रेलवे, तीसरे पर 1289 उत्तर मध्य रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे में 907, पूर्वी सीमांत रेलवे में 901, उत्तर पश्चिम रेलवे में 817 तथा पूर्वोत्तर रेलवे में 471 डिवाइस काम कर रहीं हैं।
रेलवे बोर्ड के नये मुखिया के रूप में अपनी प्राथमिकता गिनाते हुए श्री शर्मा ने कहा कि उनका ध्यान रेलवे नेटवर्क की क्षमता को बढ़ाने और लंबित एवं स्वीकृत परियोजनाओं को समयबद्धता से पूरा करना है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 6000 किलोमीटर लाइन का विद्युतीकरण पूरा हो जाएगा।
करीब दो हजार किलोमीटर का दोहरीकरण या तिहरीकरण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गोल्डन क्वार्डीलेटेरल एवं डायग्नोनल लाइनों की गति सीमा बढ़ाने के क्रम में हावड़ा-दिल्ली और दिल्ली-मुंबई रूट को 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति सीमा वाला बनाया जा चुका है और इन्हें 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति सीमा वाला बनाया जा रहा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि रेलवे कोविड पूर्व समय में 1700 मेल एक्सप्रेस गाड़ियां चलाया करती थी लेकिन अभी विशेष गाड़ियों के रूप में 1130 गाड़ियां चल रहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के साथ ज्यादा गाड़ियां चलाने की बात चल रही है। कोविड की स्थिति में हो रहे सुधार को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि मार्च अप्रैल से सामान्य रेल सेवा बहाल हो पायेगी।