प्रदीप ज्ञवाली कहते हैं, ”भारत और नेपाल में कई स्तरों पर समानता है. सांस्कृतिक समानता दोनों देशों के संबंधों को मज़बूत बनाने वाली सबसे अहम कड़ी है.
दोनों देश एक गौरवशाली सभ्यता का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसमें समृद्ध ज्ञान परंपरा रही है. आयुर्वेद, योग, ज्योतिष भारत और नेपाल दोनों देशों के लिए समान हैं.
दोनों देशों की साझी संस्कृति लोगों के बीच के आपसी संबंधों को मज़बूत बनाती है.”
”नेपाल और भारत के संबंधों में कभी-कभार उतार चढ़ाव भी आते हैं, लेकिन सांस्कृतिक संबंध की जड़ें बहुत गहरी हैं. इसलिए दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध में गर्मजोशी बनी रहती है.
लेकिन हमें इस बात को समझने की ज़रूरत है कि संस्कृति और धर्म का घालमेल नहीं करना चाहिए. धर्म और संस्कृति दोनों अलग-अलग पहलू हैं. धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय होता है. यह बिल्कुल निजी होता है. मेरा मानना है कि धर्म को न तो देश के आंतरिक मामले में लाना चाहिए और न ही दूसरे देश के साथ संबंधों के बीच में लाना चाहिए.”
(Source: BBC)