भारत प्रशासित कश्मीर की सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेश्नल कॉन्फ़्रेंस के उप प्रमुख उमर अब्दुल्लाह को लगभग आठ महीने तक हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया है।
पांच अगस्त को कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने की घोषणा के बाद इस राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती को हिरासत में लेकर नज़रबंद कर दिया गया था। मंगलवार को उमर अब्दुल्लाह को रिहा कर दिया गया है लेकिन महबूबा मुफ़्ती अब भी नज़रबंद हैं। उमर अब्दुल्लाह ने हिरासत में मौजूद अन्य लोगों को भी रिहा करने की मांग की है। उन्होंने रिहाई के बाद ट्वीट करके कहा है कि 232 दिनों की हिरासत के बाद आज में हरि निवास से निकल आया, आज की दुनिया 5 अगस्त 2019 से बहुत अलग है। हरि निवास, उनके सरकारी आवास के निकट स्थित एक गेस्ट हाउस है।
Had lunch with my mum & dad for the first time in almost 8 months. I can’t remember a better meal even though I’ve been in a bit of a daze & don’t remember what I ate ☺️ pic.twitter.com/W4duuhCVjI
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 24, 2020
उमर अब्दुल्लाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज मुझे आभास हुआ कि हम ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं, हमारे जितने लोग हिरासत में हैं उन्हें रिहा किया जाना चाहिए, हमें कोरोना से बचाव के लिए सरकार के आदेशों का ज़रूर पालन करना चाहिए।
232 days after my detention today I finally left Hari Niwas. It’s a very different world today to the one that existed on 5th August 2019. pic.twitter.com/Y44MNwDlNz
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 24, 2020
कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस के फैलाव के चलते उमर अब्दुल्लाह के स्वास्थ्य के बारे में पाई जाने वाली चिंता के कारण उन्हें रिहा किया गया है। ज्ञात रहे कि उमर अब्दुल्लाह की रिहाई के लिए उनकी बहन ने उच्चतम न्यायालय में एक अपील दायर की थी जिस पर पिछले हफ़्ते सुनवाई करते हुए अदालत ने केंद्र सरकार से एक हफ़्ते में जवाब मांगा था कि वह उमर अब्दुल्लाह को रिहा करने का इरादा रखती है या नहीं?